मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट विस्फोटक से लदी एसयूवी कार मिलने और व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में शुक्रवार को बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे, प्रदीप शर्मा समेत 10 लोगों के खिलाफ एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया।
वाजे और शर्मा के अलावा नौ हजार पृष्ठों के इस आरोप पत्र में विनायक शिंदे, नरेश गोर, रियाजुद्दीन काजी, सुनील माने, आनंद जाधव, सतीश मठकुरी, मनीष सोनी एवं संतोष शेलर का नाम शामिल है। शिंदे को किसी अन्य मामले में पुलिस बल से निलंबित किया गया है जबकि गिरफ्तारी के समय काजी और माने पुलिस अधिकारी थे। सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
एनआईए ने बयान जारी कर बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत हत्या, आपराधिक साजिश, अपहरण, और विस्फोटक पदार्थों के संबंध में लापरवाहीपूर्ण रवैया के अलावा गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम तथा हथियार अधिनियम के तहत आरोपी बनाया गया है।
अभियोजन पक्ष के एक अधिवक्ता ने बताया कि आरोप पत्र में 200 गवाहों का जिक्र है। बयान में कहा गया है कि मामले को अपने हाथ में लेने के बाद जांच एजेंसी ने महाराष्ट्र पुलिस की ओर से दायर तीन प्राथमिकियों को एक साथ मिलाया।
इस साल फरवरी में उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित बहुमंजिले आवास एंटीलिया के निकट जिलेटिन की छड़ से लदी एक एसयूवी कार बरामद होने के मामले में गामदेवी पुलिस थाने में पहली प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दूसरी प्राथमिकी विक्रोली पुलिस थाने में दर्ज की गई थी, जो एक व्यवसायी मनसुख हिरन के पास से एसयूवी की चोरी से संबंधित थी।
यह एसयूवी वही थी, जो अंबानी के आवास के पास से विस्फोटक एवं धमकी भरे पत्र के साथ बरामद हुई थी। तीसरी प्राथमिकी, ठाणे के मुंब्रा पुलिस थाने में दर्ज की गई थी जो एक नाले से हिरन का शव बरामद होने से संबंधित थी।(भाषा)