मुरैना, मध्यप्रदेश के मुरैना में मानवीयता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। घटना की सोशल मीडिया में जमकर आलोचना हो रही है। दरअसल, मध्यप्रदेश के मुरैना में 8 साल के एक लड़के गुलशन की फोटो वायरल हो रही है।, इस फोटो में देखा जा सकता है कि वो अपने दो साल के छोटे भाई के शव को गोद में लेकर सरकारी अस्पताल के बाहर कई घंटों तक बैठा रहा। बच्चे की इलाज के दौरान मुरैना अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।
दरअसल, बच्चे के पिता अपने छोटे मृत बेटे को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस की तलाश में गए थे। तब तक उनका बडा बेटा गुलशल अपने भाई का शव गोद में लेकर बैठा रहा। इस घटना को देख कर आक्रोशित लोगों ने अधिकारियों पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया है।
घटना रविवार की है और बच्चे के शव को मुरैना जिला अस्पताल से करीब 30 किलोमीटर दूर बड़फरा गांव ले जाना था। इसलिए पिता एंबुलेंस की तलाश में थे। यह वीडिया सोशल मीडिया में वायरल हो गया है।
मामला प्रकाश में आने के बाद मुरैना जिला अस्पताल के रेजिडेंट चिकित्सा अधिकारी सुरेंद्र गुर्जर ने बताया कि बड़फरा गांव निवासी पूजाराम जाटव रविवार सुबह अपने दो वर्षीय बेटे राजा को एंबुलेंस से लेकर आए, जिन्हें जिले के अंबाह कस्बे के एक अस्पताल से रेफर कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि उन्हें जिला अस्पताल में छोड़ने के बाद एम्बुलेंस अंबाह लौट गई, जबकि रविवार दोपहर को एनीमिया और अन्य बीमारियों के इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि बच्चे की मौत के बाद उसके पिता जाटव ने अस्पताल के कुछ कर्मचारियों से एंबुलेंस दिलवाने की मांग की, लेकिन उस समय वाहन उपलब्ध नहीं था। उन्होंने बताया कि बाद में एक पुलिस वाहन बच्चे के शव को जाटव के घर ले गया।
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस घटना का वीडियो टैग करते हुए लिखा, ये दर्दनाक तस्वीर भावुक भी कर रही है और मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गुस्सा भी दिला रही है। मुरैना में आठ साल का मासूम बच्चा अपने 2 साल के छोटे भाई का शव लेकर अस्पताल में बैठा रहा। उसके पिता पूजाराम जाटव बेटे का शव गांव ले जाने के लिए एंबुलेंस के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन उन्हें घंटों तक एंबुलेंस या शव वाहन नहीं मिला।
उन्होंने कहा, मैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से प्रार्थना करता हूं कि प्रदेश के मुखिया होने के नाते आप चिकित्सा तंत्र को मजबूत करिए ताकि प्रदेश की सात करोड़ जनता को आपकी लापरवाही की सजा ना भुगतनी पड़े।