श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में पुलिस ने 7 युवकों को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ शुरू कर दी है। इन युवकों से कई राज उजागर हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कह चुके हैं कि इस कायराना हमले के जिम्मेदार लोगों को बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी और शहीद जवानों के खून की एक-एक बूंद का हिसाब लिया जाएगा। यही कारण है कि दोषियों की तलाश युद्धस्तर पर की जा रही है ताकि देश के दुश्मनों को कड़ी सजा दी जा सके।
गुरुवार की दोपहर में अवंतीपुरा में सीआरपीएफ के काफिले में चल रही जवानों की बसों को एक आत्मघाती आतंकी ने उड़ा दिया था जिसमें 40 बहादुर जवान शहीद हो गए थे। इन शहीदों के जिम्मेदार लोगों को चुन-चुनकर ढूंढा जा रहा है। इसी तलाशी अभियान में ये संदिग्ध युवक पकड़े गए हैं।
अपनी तरह के इस पहले आतंकी हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ने विस्फोटक से लदे वाहन को सीआरपीएफ की बस से टकरा दिया था। संघीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने विस्फोटक और फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ मिलकर क्राइम सीन (अपराध के दृश्य) के फोरेंसिक मूल्यांकन के लिए आवश्यक सामग्री एकत्र की।
विस्फोटक और फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम, अपराध के दृश्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए शनिवार को भी सामग्री जुटाने का काम करेगी। विश्लेषण समाप्त होने के बाद ही परिणाम का पता चल पाएगा।
ऐसा माना जाता है कि इस पूरे हमले की योजना एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान ने बनाई थी, जो जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य है। कामरान दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपुरा तथा त्राल इलाके में सक्रिय है।
फिदायीन (आत्मघाती हमलावर) की पहचान आदिल अहमद के रूप में की गई है। पुलवामा के काकापुरा इलाके का निवासी आदिल 2018 में जैश में शामिल हुआ था।
प्रारंभिक जांच के अनुसार दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाके के मिदूरा में आतंकी हमले की योजना बनाई गई। पुलिस जैश के एक अन्य स्थानीय सक्रिय सदस्य की तलाश कर रही है, जो विस्फोटकों की व्यवस्था में मददगार बना।