तमिलनाडु। चोरी की बड़ी-बड़ी वारदातों की खबरें आए दिन सुनने में आती हैं। कभी चोर एटीएम मशीन उखाड़कर ले जाते हैं तो कभी बड़े-बड़े वाहन भी चोरी हो जाते हैं। बिहार के रोहतास से तो पुल (Bridge) चोरी की घटना भी सामने आई थी। अब खबर आ रही है कि कोरोना माहमारी की शुरुआत के बाद से तमिलनाडु में 600 मोबाइल टावर गायब हो गए हैं।
ये बात सुनने में थोड़ी अजीब जरूर है, लेकिन तमिलनाडु में ऐसा हो चुका है। मोबाइल फोन टावर निर्माता कंपनी जीटीएल लिमिटेड ने कहा है कि 2017 के बाद से मोबाइल टॉवरों की निगरानी पर ध्यान नहीं दिया गया। इसी बीच पुलिस की जांच में पता चला कि 3 सालों में कंपनी के 600 मोबाइल टावर गायब हो गए हैं।
कंपनी ने पूरे भारत में करीब 26 हजार मोबाइल टावर लगाए हैं, जिनमे से 6 हजार से अधिक टावर तमिलनाडु में हैं। लॉकडाउन के दौरान कंपनी की ओर से टावर साइट पर जाकर उनकी देखरेख और निगरानी का काम नहीं किया जा सका।
पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि जब अधिकारी उन मोबाइल फोन टॉवरों की स्थिति का पता लगाने गए, जिनका नेटवर्क काम नहीं कर रहा था, तो वे यह जानकर चौंक गए कि तमिलनाडु के इरोड जिले में कई मोबाइल टावर गायब पाए गए हैं।
कंपनी का दावा है कि किसी गिरोह ने लॉकडाउन का फायदा उठाकर इस घटना को अंजाम दिया है। जीटीएल लिमिटेड ने पुलिस से इस मामले में जांच करने की अपील की थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की।
कंपनी के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि एक मोबाइल फोन टावर स्थापित करने में 25 से 40 लाख रुपए का खर्च आता है और उनके चोरी होने पर कंपनी को करोड़ों रूपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है।