जम्मू। पुंछ के चरमेड और भाटाधुलियां के जंगलों में पछले 9 दिनों से सेना के 10 हजार से अधिक जवान जिन दर्जनभर अति-प्रशिक्षित आतंकियों से जूझ रहे हैं, वह अब गले की फांस बन गया है। इन 9 दिनों में सेना अपने 9 अधिकारी व जवान खो चुकी है।
सेना के दावे के अनुसार 6 आतंकी मारे जा चुके हैं पर शव नहीं मिलने के कारण दावों की सत्यता की पुष्टि होना बाकी है। हालत यह है कि जम्मू संभाग में आतंकवाद के इतिहास में पहली बार इतनी लंबी चलने वाली मुठभेड़ के बाद उपजे हालात का जायजा लेने के लिए सेनाध्यक्ष को आना पड़ा है।
मंगलवार को मुठभेड़ के नौवें दिन सेना ने दावा किया है कि 9 दिनों से चल रही इस मुठभेड़ में उसने 6 पाक परस्त आतंकियों को ढेर कर दिया है तथा 5 से 6 आतंकी अभी भी उसके घेरे में हैं, जिन्हें जल्द ही मार गिराया जाएगा। सभी आतंकियों को मार गिराने के बाद शवों को एकत्र कर लिया जाएगा।
पिछले रविवार को यह मुठभेड़ राजौरी तथ पुंछ के एलओसी से सटे जुड़वा जिलों के बार्डर पर आरंभ हुई थी। पहले ही दिन आतंकियों के अचानक हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए और फिर 4 और जवानों को इसमें खोना पड़ा था।
रक्षा सूत्रों का मानना है कि पुंछ के जंगलों में यह अपने किस्म की पहली ऐसी मुठभेड़ थी, जो इतने दिनों से चल रही है और जिसमें उन्हें इतनी ज्यादा क्षति उठानी पड़ी है। यही कारण था कि घने जंगलों मे छुपे हुए आतंकियों पर अब लड़ाकू हेलीकॉप्टरों और मोर्टार के अतिरक्त छोटे तोपखाने से भी गोले बरसाए जा रहे हैं। जबकि एक अपुष्ट सूचना के मुताबिक आतंकियों की थाह लेने गए दो ड्रोनों को भी आतंकियों ने मार गिराया था।