Uttarkashi Tunnel collapse : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने से उसके अंदर फंसे श्रमिकों की संख्या 40 से बढ़कर अब 41 हो गई है। फिलहाल सुरंग में ड्रिलिंग का काम रुका हुआ है।
उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जारी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की ताजा सूची से यह जानकारी मिली। श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए पिछले एक सप्ताह से युद्धस्तर पर बचाव अभियान जारी है।
अभियान के छठे दिन निर्माण कंपनी को पता चला कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग में फंसे श्रमिकों में बिहार के मुजफफरपुर जिले के निवासी दीपक कुमार पटेल भी शामिल हैं।
बढ़ा मजदूरों का इंतजार : निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में मलबे को भेदकर श्रमिकों तक पहुंचने का रास्ता बनाने के कार्य में फिर रुकावट आने से पिछले 6 दिन से सुरंग में फंसे उन 40 श्रमिकों का इंतजार और बढ़ गया है।
उत्तरकाशी जिला आपातकालीन नियंत्रण कक्ष से शनिवार सुबह मिली जानकारी के अनुसार, फिलहाल सुरंग में ड्रिलिंग का काम रुका हुआ है। इंदौर से एक और भारी एवं शक्तिशाली ऑगर मशीन के आने का इंतजार किया जा रहा है। यह मशीन देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंच चुकी है जहां से इसे ट्रक के जरिए सिलक्यारा लाया जा रहा है।
इंदौर से आ रही मशीन के बारे में राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) के निदेशक अंशु मनीष खाल्को ने कहा ने कहा कि इस मशीन को 'बैकअप' के तहत लाया जा रहा है जिससे बचाव अभियान निर्बाध रूप से चलता रहे। हालांकि, मौके पर मौजूद सूत्रों ने बताया कि मशीन में तकनीकी खराबी आ गई है और इसलिए इंदौर से नई मशीन मंगाई जा रही है। ड्रिलिंग कार्य भी शुक्रवार दोपहर से बंद है।
क्यों लग रहा है समय : यह पूछे जाने पर कि मशीन प्रति घंटा चार-पांच मीटर मलबे को भेदने की अपनी अपेक्षित गति क्यों नहीं हासिल कर पाई, इस पर खाल्को ने कहा कि पाइप को डालने से पहले उनका संरेखण करने तथा जोड़ने में समय लगता है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि डीजल से चलने के कारण ड्रिलिंग मशीन की गति धीमी है। उन्होंने कहा कि बीच-बीच में ड्रिलिंग को रोकना भी पड़ता है क्योंकि भारी मशीन को हवा का आवागमन चाहिए और मशीन में कंपन होने से आसपास का संतुलन खराब होने से मलबा गिरने का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
Edited by : Nrapendra Gupta