नई दिल्ली। सरकार ने 4 वर्षीय एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है और इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल में एक सवाल के जवाब में बताया कि अध्यापक बनने के इच्छुक युवाओं के लिए 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण करने के तुरंत बाद 4 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि बीए बीएड, बीकॉम बीएड और बीएससी बीएड पाठ्यक्रमों के लिए अधिसूचना जारी करने के बाद शिक्षण संस्थाओं से इस कोर्स के संचालन के लिए आवेदन भी मांगे गए हैं। जो भी संस्थाएं आवेदन करेंगी, वे इसी सत्र से ये पाठ्यक्रम शुरू कर सकेंगी।
अध्यापकों के प्रशिक्षण से जुड़े एक पूरक प्रश्न के जवाब में निशंक ने बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत 2015 तक सभी अध्यापकों को प्रशिक्षित करने का प्रावधान था। इस अवधि में लगभग 7 लाख अध्यापकों को प्रशिक्षित किया गया।
लेकिन अभी भी अप्रशिक्षित अध्यापकों की संख्या काफी अधिक होने के कारण कानून में संशोधन कर प्रशिक्षण देने की अवधि 31 अक्टूबर 2019 कर दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया सभी अध्यापकों के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि देश में शिक्षण प्रशिक्षण के लिए 19,542 संस्थाएं कार्यरत हैं जिनमें 25,826 पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं और इनमें 15 लाख प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।