Balakot air strike के 3 साल: IAF ने पाक में घुसकर आतंकी ठिकानों को किया था तबाह

Webdunia
शनिवार, 26 फ़रवरी 2022 (11:02 IST)
दिन मंगलवार, 26 फरवरी 2019। रात के करीब 3.00 बजे थे। जब आईएएफ के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट लाइन ऑफ कंट्रोल पार कर पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए और बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। बाद में इसे 'बालाकोट एयर स्ट्राइक' के नाम से जाना गया। सरकारी दावे के मुताबिक मिराज 2000 ने आतंकी ठिकानों पर करीब 1,000 किलो के बम गिराए जिसमें तकरीबन 300 आतंकी मारे गए। पाकिस्तान को भारत की इस कार्रवाई की भनक तक नहीं लगी थी।

ALSO READ: भारतीय दूतावास की एडवाइजरी, यूक्रेन में बिना इजाजत बॉर्डर पर ना जाएं
 
भारत की तरफ से पाकिस्तान पर यह हमला 12 दिन पहले पुलवामा में की गई आतंकी हमले का बदला लेने के लिए की गई थी। दरअसल, 14 फरवरी 2019 को आतंकियों ने देश के सुरक्षाकर्मियों पर कायराना हमला किया था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे।
 
जम्मू-कश्मीर राज्य के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन को सीआरपीएफ जवानों की बस से टक्कर मार दी थी। इस टक्कर के बाद एक जोरदार धमाका हुआ और बस से जा रहे सीआरपीएफ के जवानों के क्षत-विक्षत शरीर जमीन पर बिखर गए थे। भारत ने बदला लेने के लिए पाकिस्तान के बालाकोट स्ठित जैश के आतंकी कैंप पर महज 12 दिनों के अंदर हमला किया। 14 फरवरी यानी जिस दिन आतंकी हमला हुआ, उसके 1 दिन बाद 15 तारीख को सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई।
 
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान से बदला लेने के लिए ऑप्शन दिए गए। उरी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला लिया था, लेकिन इस बार तय हुआ था कि किसी दूसरे तरीके से जवाब दिया जाएगा। लंबे मंथन के बाद एयरस्ट्राइक को फाइनल किया गया।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से एनएसए अजित डोभाल को इस प्लान की जिम्मेदारी दी गई। अजित डोभाल और तत्कालीन वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने पूरे एक्शन का ब्लूप्रिंट तैयार किया। इसी दौरान तय हुआ कि बालाकोट में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा। जब जगह तय कर ली गई उसके बाद सभी एजेंसियों ने इनपुट निकालना शुरू किया। रॉ, आईबी ने जैश के ठिकानों की पुख्ता जगह निकालनी शुरू की। भले ही इस हमले में वायुसेना का अहम रोल था, लेकिन थलसेना को भी अलर्ट पर रखा गया। खासकर एलओसी के पास वाले इलाके में जवान पूरी तरह सतर्क थे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

जम्मू-कश्मीर में अभी भी सबसे बड़ा सवाल, ‘दरबार मूव’ क्या सच में खत्म हो चुका है

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ वारंट की तामील पर रोक, जानिए क्या है मामला

कौन बनेगा महाराष्ट्र का मुख्‍यमंत्री? एकनाथ शिंदे दौड़ से लगभग बाहर

खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह डल्ला के 2 गुर्गे गिरफ्तार, विदेशी पिस्तौल और फोन जब्त

इंडिया गठबंधन के खिलाफ भ्रामक वीडियो पोस्ट करने पर BJP के खिलाफ कांग्रेस ने दर्ज करवाई प्राथमिकी

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra Election : चुनाव को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष पर साधा निशाना, बोले- संविधान बदलने की झूठी कहानी का अंत हो चुका

Prayagraj : छात्रों का धरना प्रदर्शन जारी, परीक्षाओं को लेकर UPPSC ने दिया यह बयान

स्कूली छात्राओं के मासिक धर्म स्वच्छता से जुड़ी नीति को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

Maharashtra Election : अजित पवार का दावा- महायुति को मिलेंगी 175 सीटें, बारामती में होगी 1 लाख मतों से जीत

EPFO सदस्यों की संख्या हुई 7 करोड़ के पार

अगला लेख
More