लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कोर्ट के फैसले के बाद जहां विवादित भूमि पर राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो चुका है और कहीं न कहीं दोनों धर्म के लोगों ने कोर्ट के निर्णय को स्वीकार भी कर लिया है लेकिन अयोध्या में विवादित ढांचा के ध्वंस की 6 दिसंबर को 22वीं बरसी है।
जिसको लेकर उत्तर प्रदेश के हर जिले में सुरक्षाबलों को मुस्तैद से पूरे देश में तैनात दिखाई दे रहा है और जहां अयोध्या आने-जाने वाले की सघन तलाशी ली जा रही है तो वहीं लखनऊ के साथ वाराणसी, प्रयागराज ,गोरखपुर, आगरा, बरेली, कानपुर, मेरठ व मुरादाबाद इत्यादि अन्य जिलों में भी सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर हैं।
सड़कों पर सिविल पुलिस के अलावा सीआरपीएफ, आरपीएफ, के साथ-साथ डॉग स्क्वायड,एटीएस तथा जल पुलिस व एसटीएफ की टीम भी तैनात हैं।रेलवे स्टेशन समेत, सभी होटल,धर्मशाला और सार्वजनिक स्थलों पर सादे वर्दी में पुलिस के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में एकदम से उग्र भीड़ ने विवादित ढांचे को गिरा दिया था।तब से 6 दिसंबर को हिंदू पक्ष शौर्य दिवस तो मुस्लिम पक्ष यौमे गम के रूप में मनाते आ रहे हैं। इस बार माहौल यहां बदला हुआ है और अयोध्या के साथ-साथ अन्य जिलों में भी एकता और भाईचारा देखने को मिल रहा है।