India-China talks : लद्दाख के मोर्चे पर स्थिति अभी भी जस की तस बनी रहेगी, इसलिए यह सर्दी भी भयानक तापमान में काटेंगें दोनों देशों के जवान, क्योंकि 20वें दौर की वार्ता फेल हो गई है। जानकारी के मुताबिक भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने के लिए कोर कमांडर स्तर की 20वें दौर की वार्ता की, लेकिन तत्काल कोई समाधान नहीं निकला।
रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि इसका मतलब यह है कि दोनों पक्षों के सैनिक लगातार चौथी सर्दियों तक एलएसी के साथ आगे के क्षेत्रों में तैनात रहेंगे। ऐसे में लद्दाख के मोर्चे की एक चिंताजनक बात यह है कि भारतीय सेना को एलएसी पर इन सर्दियों में भी टिके रहने के साथ चीन से जंग की तैयारी भी करनी पड़ रही है।
ऐसा इसलिए क्योंकि चीनी सेना द्वारा कब्जाए गए इलाकों में भूमिगत शेल्टर और बंकरों के निर्माण के बाद यह संकेत मिलने आरंभ हुए हैं कि दोनों मुल्कों की सेनाओं के बीच एलएसी के विवादित क्षेत्रों में खूरेंजी झड़पें हो सकती हैं, जबकि समाचार यह कहते हैं कि चीन कई मोर्चों पर उलझे होने के कारण लद्दाख सीमा पर अपनी खुन्नस निकाल सकता है। ऐसे में भारतीय सेना की चिंता यह है कि और कितनी सर्दियां चीन सीमा पर गुजारनी होंगी।
रक्षा सूत्रों के बकौल, पैंगांग झील, देपसांग, स्पंगुर झील, रेजांगला आदि के एलएसी के इलाकों में भारतीय सेना को युद्ध वाली स्थिति में ही रहने को कहा गया है। उसे अपने सैनिक साजो-सामान को कुछ ही मिनटों के आर्डर पर जवाबी हमला करने की स्थिति में भी तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।
याद रहे भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के कुछ बिंदुओं पर तीन साल से अधिक समय से टकराव की स्थिति में हैं, हालांकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है।
गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा (पीपी-17ए) और हॉट स्प्रिंग्स (पीपी-15) से सैनिकों की वापसी के बावजूद दोनों देशों की सेनाओं ने एलएसी पर हजारों सैनिकों और उपकरणों को बनाए रखना जारी रखा है। भारत उन क्षेत्रों में अप्रैल 2020 तक की यथास्थिति की बहाली की मांग कर रहा है, जहां मई 2020 से तनाव देखा गया था।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक का 20वां दौर 9-10 अक्टूबर 2023 को भारतीय क्षेत्र में चुशूल-मोल्डो सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित किया गया था। सेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि चीन द्वारा जारी बयान में यह उल्लेख नहीं किया गया कि यह एक संयुक्त बयान था। यहां तक कि संयुक्त बयान के मामले में भी इसे हमेशा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ही जारी करती है।
विदेश मंत्रालय का कहना था कि दोनों पक्षों ने दोनों देशों के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा दिए गए गाइडेंस के अनुसार, पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शेष मुद्दों के शीघ्र और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के लिए 13-14 अगस्त 2023 को आयोजित कोर कमांडरों की बैठक के अंतिम दौर में हुई प्रगति पर स्पष्ट, खुले और रचनात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया।
इस बार भी यह वार्ता दो दिनों तक चली पर कोई हल सामने नहीं आया। सिवाय इस बयान के कि शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने तथा सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संवाद और बातचीत की गति बनाए रखने पर सहमति हुई है।