Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

जम्मू कश्मीर में 4 माह में 14 बार घुसपैठ के प्रयास, सुरक्षाबलों ने 21 आतंकियों को ‍किया ढेर

Advertiesment
हमें फॉलो करें Jammu Kashmir

सुरेश एस डुग्गर

, शुक्रवार, 24 सितम्बर 2021 (11:31 IST)
जम्मू। तमाम कोशिशों और दावों के बावजूद उस पार से आतंकियों की घुसपैठ को थामना मुश्किल हो रहा है। सेना ने आप इसे स्वीकार किया है कि जून से सितम्बर तक के अरसे में 14 घुसपैठ के प्रयासों में 21 आतंकियों को ढेर किया गया है। इक्का दुक्का जो आतंकी घुसने में कामयाब रहे उनका कोई लेखा जोखा नहीं है। समाचार भिजवाए जाने के समय भी उड़ी में 6 दिन पहले घुसे आतंकियों के झुंड को तलाशा नहीं जा सका था।
 
हालांकि उड़ी में मार गिराए गए 3 घुसपैठियों के प्रति सेना दावा करती थी कि वे ताजा घुसे दल के हिस्सा थे तो 6 दिन पहले घुसने वाले आतंकियों को फिलहाल तलाशा नहीं जा सका था जिनके प्रति अब चर्चाएं यह भी हैं कि उनमें तालिबानी भी हैं जो कहर बरपाने के इरादों से आए हैं। आधिकारिक सूत्र तो कहते थे कि उड़ी में होने वाली घुसपैठ में शामिल आतंकी 2016 के उड़ी प्रकरण को दोहराना चाहते थे।
 
Jammu Kashmir
वैसे एलओसी पर पिछले चार महीनों में हुई 14 घुसपैठ की घटनाओं में मारे गए 21 आतंकी कोई न कोई प्रकरण दोहराने का इरादा लेकर ही आए थे। मारे गए आतंकियों से बरामद दस्तावेज इनकी पुष्टि करते थे। जबकि उनसे बरामद हथियार और गोला बारूद भी इसके प्रति आगाह करता था कि वे कितने प्रशिक्षित थे।
 
आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा घुसपैठ के प्रयास इन चार महीनों में, राजौरी तथा पुंछ के जुड़वा जिलों में हुए थे जहां पाकिस्तान एक बार फिर आतंकवाद को पुनर्जीवित करने में कामयाब रहा है। इन जिलों में सात प्रयासों में 12 आतंकी मारे गए। उड़ी में दो प्रयासों में 3, गुरेज में जून में हुए दो प्रयासों में 2 आतंकी ढेर किए गए थे जबकि अन्यत्र चार प्रयासों में 4 आतंकी मारे गए।
 
Jammu Kashmir
अधिकारियों द्वारा इसे दबे स्वर में स्वीकार किया गया है कि एलओसी की परिस्थितियों का लाभ उठा कर उस पार से आने वाले इक्का दुक्का आतंकी अक्सर घुसपैठ करने में कामयाब रहते हैं। और उनकी तादाद के प्रति आज तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इंसानियत वाली तस्वीर देखी क्या? बेसहारा कुत्तों का सहारा बना ट्रैफिक पुलिसकर्मी