जम्मू। सीमा पार से 1000 से ज्यादा आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में हैं। साथ ही पाकिस्तानी गोलीबारी की आड़ में ये आतंकी भारत में दाखिल हो सकते हैं। सेना के मुताबिक, इन आतंकियों को इस ओर धकेलने की खातिर पाक सेना गोलों की बरसात की तैयारी कर रही है उसको इसकी भी परवाह नहीं है कि पिछले साल 26 नवंबर को सीमाओं पर 17 साल पूरे करने वाला सीजफायर दांव पर लग सकता है।
एलओसी के गर्माने के संकेत दोनों ओर से एलओसी से सटे बीसियों गांवों को खाली करने के लिए तैयार रहने को कहे जाने की जाने की कवायद से भी मिलते हैं। इसके प्रति सेनाधिकारियों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के नजदीक लांच पैड्स पर 700-1200 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ के इंतजार में हैं।
उन्होंने कहा कि लगता नहीं है कि घुसपैठ की संभावना और आतंकियों के इरादों में कोई कमी आई है। हमें लगातार ऐसी जानकारियां मिल रही हैं कि एलओसी के पार लांच पैड्स के पास 700-1200 से ज्यादा आतंकी मौजूद हैं और उन पर घुसपैठ करने का खासा दबाव है।
सेनाधिकारियों ने कहा कि सेना के संयुक्त प्रयासों और घुसपैठ को रोकने के लिए हो रहे बहुस्तरीय प्रयासों की वजह से अभी तक आतंकवादियों के मंसूबे सफल नहीं हो पाए हैं। उन्होंने कहा कि हम सब एकसाथ इस बात को दोहरा रहे हैं कि इस बार घुसपैठ के मामलों में कमी आई है और अगले साल तक ऐसी घटनाएं बिल्कुल समाप्त हो जाएंगी। यह सब हमारी घुसपैठ विरोधी गतिविधियों की वजह से संभव हुआ है।
सेनाधिकारियों ने आतंकियों की गतिविधियों के बारे में यह भी कहा कि उनके सभी प्रयास नाकाम किए जा रहे हैं और वो घुसपैठ में सफल नहीं हो रहे हैं। कई बार वे सिर्फ एलओसी के नजदीक आकर फायरिंग करते हैं और वापस चले जाते हैं। लेकिन सेना को डर इस बात का है कि पाक सेना आतंकियों को इस ओर धकेलने की खातिर उस सीजफायर को भी दांव पर लगा सकती है जो पिछले साल 26 नवंबर को 17 साल पूरे कर चुका है।
डर की वजह यह है कि अक्सर यही देखने में आया है कि पाक सेना आतंकियों को धकेलने की खातिर हमेशा कवरिंग फायर रणनीति को ही अपनाती है। बताया जा रहा है कि आतंकवाद को बल देने के लिए सीमा पार लांचिंग पैडों पर तैयार सैकड़ों आतंकियों को घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान सीमा पर कमजोर कड़ी तलाश रहा है।
पड़ोसी देश ऊंचाई वाले इलाकों में पहाड़ी दर्रों से बर्फ के पिघलने का इंतजार शायद ही करे और वह उससे पहले ही घुसपैठ करवाने के लिए फिर दुस्साहस करेगा। सूत्रों के अनुसार, सेना व बीएसएफ के भारी दबाव के कारण अब सीमा पार से आतंकियों के छोटे दलों को घुसपैठ करवाने की कोशिशें हो रही हैं। बड़े दलों की घुसपैठ में अधिक नुकसान की संभावना रहती है।