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दशकों बाद ये पहला चुनाव है, जब आतंकवाद, अलगाववाद, पत्थरबाजी, बंद, हड़ताल, सीमा पार से गोलीबारी, ये चुनाव के मुद्दे ही नहीं हैं।
तब माता वैष्णो देवी यात्रा हों या अमरनाथ यात्रा, ये सुरक्षित तरीके से कैसे हों इसको लेकर ही चिंता होती थी।
आज स्थिति एकदम बदल गई है।
आज जम्मू कश्मीर… pic.twitter.com/4nCsVObIgD