नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का 'लोगो' जारी किया, जिसका आयोजन 18 से 20 अगस्त तक मॉरीशस में किया जाएगा। सम्मेलन के एक दिन पहले मॉरीशस में गंगा आरती का कार्यक्रम होगा। गंगा को भारतीय संस्कृति का प्रतीक माना जाता है और पूरी दुनिया में भारतीय गंगा को मां का दर्जा देते हैं।
सुषमा स्वराज ने इस अवसर पर कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच प्रगाढ़ रिश्ते हैं और वैश्विक पटल पर हिन्दी को आगे बढ़ाने में मॉरीशस का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसका उदाहरण है कि वर्ष 1976 और 1993 में विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन मॉरीशस में किया गया है और अब इस साल तीसरी बार इसका आयोजन वहां किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन के आयोजन के लिए स्वामी विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय संस्थान को सभा केंद्र के रूप में चुना गया है। सम्मेलन का मुख्य विषय वैश्विक हिन्दी और भारतीय संस्कृति है। इसी के आधार पर अन्य विषय भी सम्मेलन में लिए जाएंगे। विदेश मंत्री ने कहा कि सम्मेलन के एक दिन पहले मॉरीशस में गंगा आरती का कार्यक्रम होगा। गंगा को भारतीय संस्कृति का प्रतीक माना जाता है और पूरी दुनिया में भारतीय गंगा को मां का दर्जा देते हैं।
सुषमा स्वराज ने बताया कि 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के दौरान एक विषय भोपाल से मॉरीशस रखा गया है जहां भोपाल में आयोजित 10वें विश्व हिन्दी दिवस में गठित समितियां मॉरीशस में अपने एक साल के कामकाज का लेखाजोखा रखेंगी।
विदेश मंत्री ने कहा कि भाषा और संस्कृति का आपस में अनूठा संबंध है और हिन्दी के विकास एवं भारतीय संस्कृति के संवर्द्धन एवं संरक्षण में मॉरीशस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के आयोजन को लेकर मॉरीशस काफी उत्साहित है और हाल ही में वहां के एक शिष्टमंडल ने आकर तैयारियों की जानकारी दी थी।
उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलनों आदि का आयोजन भी किया जाएगा। 'लोगो' जारी करने के कार्यक्रम के दौरान विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह, मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह और गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू मौजूद थे। (भाषा)