भारत में नाग पूजा की परंपरा का प्रचलन प्राचीन काल से ही रहा है। भारत में नाग को देवता मानकर पूजा जाता है। सभी नागों को कश्यप ऋषि और कद्रू का पुत्र माना गया है। श्रावण मास में नागपंचमी का त्योहार नागों को ही समर्पित है। नाग से जुड़ी कुछ मान्यताएं भारतीय जनमानस में प्रचलित हैं, लेकिन इनमें कितनी सच्चाई है यह भी अभी खोज का विषय बना हुआ है। यहां प्रस्तुत हैं 20 मान्यताएं:-
1. इच्छाधारी नाग होते हैं, जो रूप बदल सकते हैं।
2. नाग-नागिन बदला लेते हैं। नाग और सर्प में फर्क होता है।
3. कुछ दुर्लभ नागों के सिर पर मणि होती हैं।
4. नागों की स्मरण शक्ति तेज होती है।
5. सौ वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद नागों में उड़ने की शक्ति हासिल हो जाती है।
6. सौ वर्ष की उम्र के बाद नागों में दाढ़ी-मूंछ निकल आती है।
7. नाग किसी के भी शरीर में आ सकते हैं।
8. नाग लोक होता है जहां नागमानव रहते हैं।
9. अजगर तो कई होते हैं लेकिन नाग प्रजाति का अजगर दूर से ही किसी को अपनी नाक से खींचने की ताकत रखता है।
10. नाग खुद का बिल नहीं बनाता, वह चूहों के बिल में रहता है।
11. नाग जमीन के अंदर गढ़े धन की रक्षा करता है। इसे नाग चौकी कहा जाता है।
12. नागों में मनुष्य को सम्मोहित कर देने की शक्ति होती है।
13. नाग संगीत सुनकर झूमने लगते हैं।
14. नाग को मारना या नागों की लड़ाई देखना पाप है।
15. नाग की केंचुल दरवाजे के ऊपर रखने से घर को नजर नहीं लगती।
16. बड़े सांप, नाग आदि शिव का अवतार माने जाते हैं।
17. कुछ नाग पांव वाले होते हैं।
18. नाग एक मुंह ही नहीं दोमुहे या 10 मुंह वाले भी होते हैं।
19. नाग रूप में देवता ही होते हैं जो इस धरती के सभी प्राणियों से कई गुना अपनी समझ रखते हैं।
20. नागों को ही सबसे पहले भूकंप, प्रलय या अन्य किसी प्राकृतिक आपता का पता चल जाता है।
इसी तरह की कई अन्य मान्यताएं भी सामाज में प्रचलित हैं।