Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

नाग पंचमी पर ये 12 नागदेव देते हैं विशेष आशीष

हमें फॉलो करें नाग पंचमी पर ये 12 नागदेव देते हैं विशेष आशीष
पंचम्यां तत्र भविता ब्रह्मा प्रोवाच लेलीहान।
तस्मादियं महाबाहो पंचमी दयिता सदा।
नागानामानन्दकरी दंत वै ब्रह्नणा पुरा।। 
 
अर्थात : 
ब्रह्माजी ने पंचमी तिथि को ही नाग-सर्पों को वर दिया था कि जन्मेजय के सर्प यज्ञ के दौरान ऋषि आस्तिक आपकी रक्षा करेंगे। पंचमी के दिन ही आस्तिक मुनि ने नागों की रक्षा की थी इसलिए पंचमी तिथि नागों को विशेष प्रिय है। 
 
दिए गए मंत्र के अनुसार नाग देव के कुछ लोग 9 नामों का जाप करते हैं कुछ 12 नामों का... 

नागपंचमी पर 12 नागों की क्रमश: पूजन करें। ये क्रम इस प्रकार हैं-
 
अनंत, वासुकि, शंख, पद्म, कंबल, कर्कोटक, अश्वतारा, धृतराष्ट्र, शंखपाल, कालिया, तक्षक एवं पिंगल।
 
पूजन के बाद सर्प देवता से प्रार्थना करें अर्थात जैसे अन्य देवताओं को नमस्कार करते हैं, वैसे ही सर्पों को नमस्कार का विधान वेदों में बताया गया है। 
 
नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वीमनु।
येऽ अंतरिक्षे ये दिवितेभ्य: सर्पेभ्यो नम:।।
 
जो सर्प पृथ्वी के अंदर व अंतरिक्ष में हैं और स्वर्ग में हैं, उन सर्पों को नमस्कार है। राक्षसों  के लिए बाण के समान तीक्ष्ण और वनस्पति के अनुकूल तथा जंगलों में रहने वाले सर्पों को नमस्कार है। 
 
ये वामी रोचने दिवो ये वा सूर्यस्य रश्मिषु।
येषामपसु सदस्कृतं तेभ्य: सर्वेभ्यो: नम:।। 
 
जो सूर्य की किरणों में सूर्य की ओर मुख किए हुए चला करते हैं तथा जो सागरों में समूह रूप से रहते हैं, उन सर्पों को नमस्कार है। तीनों लोकों में जो सर्प हैं, उन्हें भी हम नमस्कार करते हैं।
 
विशेष : जो व्यक्ति नागपंचमी को सोने, चांदी व तांबे के नाग बनवाकर शिव मंदिर में चढ़ाता है व ब्राह्मण को दान देता है, उसका हमेशा के लिए सर्प का भय खत्म हो जाता है और वह स्वर्गलोक को प्राप्त होता है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Nag Panchami 2019 Special : 13 लक्षण हैं तो समझें आपको कालसर्प दोष है, ये 11 उपाय बचा सकते हैं