Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अब तो स्‍वीडन की सांसद ने भी काट लिए अपने बाल, भारत की महिलाएं हिजाब विरोध पर मौन क्‍यों?

हमें फॉलो करें hizab
webdunia

नवीन रांगियाल

ईरान में बेहद खूबसूरत दृश्‍य नजर आ रहे हैं। महिलाएं अपनी आजादी के लिए सड़कों पर हैं, अपने लंबे बालों को अपने हाथों से काट रही हैं, और हिजाब को आग के हवाले कर रही हैं। दुनिया में महिला की आजादी का यह सबसे बेहतरीन दृश्‍य है। महिलाएं इसे वुमेन एंपावरमेंट यानी महिला सशक्‍तिकरण से भी जोड़ रही हैं।

लेकिन अब पूरी दुनिया से ईरानी महिलाओं को समर्थन हासिल हो रहा है। हाल ही में स्‍वीडन की सांसद अबीर अल-सहलानी ने भरी संसद में अपने बालों को अपने हाथ से काटकर पूरी दुनिया को चौंका दिया। वे हिजाब के खिलाफ ईरानी महिलाओं के समर्थन में उतर आई हैं।

ईरान में हिजाब के खिलाफ यह आग तब भड़की जब सही तरीके से हिजाब नहीं पहनने के आरोप में 22 साल की महसा अमीनी को गिरफ्तार कर लिया गया था, उसके कुछ बाल हिजाब से बाहर झांक रहे थे। इस आरोप में उसे हिरासत में लिया था, लेकिन, पुलिस कस्‍टडी में उसकी मौत हो गई। अमीनी की मौत के बाद ईरानी महिलाओं ने विरोध में अपने बाल काटे और हिजाब जलाएं। ईरान में कोटीलार्ड, बिनोच जैसी शख्‍सियतों समेत कई महिलाओं ने बाल काटकर अपने वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किए। अब यह विरोध व्‍यापक तौर पर फैल गया है।

विरोध की इस फेहरिस्‍त में अब स्वीडिश की सांसद अबीर अल-सहलानी भी शामिल हो गईं हैं। उन्‍होंने हाल ही में अपने बाल संसद में काटकर ईरानी महिलाओं का समर्थन किया है और तेहरान के खिलाफ यूरोपीय संघ की कार्रवाई की मांग की। सेंट्रिस्ट रिन्यू ग्रुप की अबीर अल-सहलानी ने कहा,

हम, यूरोपीय संघ के लोग और नागरिक, ईरान में महिलाओं और पुरुषों के खिलाफ हो रही सभी हिंसा को बिना शर्त और तत्काल रोकने की मांग करते हैं, और जब तक ईरान आजाद नहीं होगा तब तक हमारा प्रदर्शन इन जालिमों के खिलाफ जारी रहेगा उन्‍होंने कहा, जब तक ईरान की महिलाएं आजाद नहीं होंगी, तब तक हम उनके साथ खड़े रहेंगे

इस बयान के पहले सांसद अबीर अल-सहलानी ने संसद में कैंची निकाली और फिर अपने बाल काट लिए। अपने बालों को काटने के दौरान उन्‍होंने कहा, वुमेन, लाइफ एंड फ्रीडम...
जहां एक तरफ हिजाब को लेकर अब पूरी दुनिया में महिलाएं विरोध कर रही हैं। वहीं, भारत से अब तक किसी महिला ने न तो इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है और न ही कोई बयान ही सामने आया है। जबकि भारत में भी हाल ही में हिजाब को लेकर मुद्दा गरमाया था। हैदराबाद के एक कॉलेज में हिजाब पहनने और नहीं पहनने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था, यह विवाद देशभर में फैल गया था। जिसके बाद कई भारतीय महिलाएं हिजाब के समर्थन में थी तो कई हिजाब पहनने के खिलाफ थी। वहीं कुछ महिलाएं इसे महिलाओं की आजादी से जोड़ती हैं, खुद मुस्‍लिम समुदाय की महिलाओं ने हिजाब को अपने धर्म से जोड़कर इसे जरूरी बताया है।

ऐसे में अब जब ईरान की महिलाएं खुलकर हिजाब के खिलाफ उतर आई हैं तो संभवत: भारतीय महिलाओं में पशोपेश की स्‍थिति बन गई है। वे हिजाब को सही माने या गलत शायद यह बात उनकी समझ में नहीं आ रही है। ऐसे में जो महिलाएं हिजाब के समर्थन में हैं, उन्‍होंने इसे लेकर चुप्‍पी साध ली है।

बता दें कि भारत में अलग- अलग क्षेत्रों में महिलाएं अपनी उपस्‍थिति दर्ज करवा रही हैं। वे आजाद ख्‍याल मानी जाती हैं और अपनी पसंद से खाने-पीने और पसंद के कपड़े पहनने को अपने लिए फ्रीडम के तौर पर देखती हैं, वे महिलाओं के मुद्दों पर मुखर रही हैं। लेकिन ईरान में हिजाब के मामले में भारतीय महिलाओं की चुप्‍पी पर अब सवालउठ रहे हैं। जबकि दुनियाभर की महिलाएं ईरान की महिलाओं साथ और हिजाब के खिलाफ खड़ी नजर आ रही हैं। तो भारत की महिलाएं आखिर चुप क्‍यों हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मुंशी प्रेमचंद के 10 प्रेरक विचार सोच बदल देंगे आपकी