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जया बच्चन के गुस्से का कारण?

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नवीन जैन

, मंगलवार, 21 दिसंबर 2021 (17:35 IST)
सोमवार के दिन राज्यसभा में बॉलीवुड अभिनेत्री जया बच्चन का रौद्र रूप वायरल हो चुका है। वे इतनी गुस्से में थीं कि पीठासीन अधिकारी को, भुवनेश्वर कलिका को यहां तक कह गईं कि आपने मुझे सम्मानित सदस्य कहा, लेकिन इसके लिए मैं आपको धन्यवाद भी नहीं दूंगी।
 
ज्ञातव्य है कि गत कुछ सालों से समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सदस्य जया बच्चन समसामयिक मसलों पर अपने विचार खुलकर प्रकट करती रही हैं, पर सोमवार के दिन का आलम तो कुछ और ही था। जया बच्चन ने सत्ता पक्ष की तरफ इशारा करते हुए कह दिया कि आप लोगों को मैं यह श्राप देती हूं कि जल्दी ही आप लोगों के बुरे दिन आने वाले हैं।
 
दरअसल, जया बच्चन को नारकोटिक्स बिल (ड्रग्ज विधेयक) पर बोलना था, मगर वे लगातार इस बात पर जोर देती रहीं कि हमारे 12 साथी सदन से निष्कासित हैं और सत्तापक्ष में से कोई सदस्य इसकी सुध ही नहीं ले रहा है। राजनीतिक विश्लेषक जया बच्चन के इस गुस्से को सोमवार के ही दिन घटित एक दूसरे प्रकरण से भी जोड़कर देख रहे हैं।
 
ज्ञातव्य है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जया बच्चन की बहू और बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या रॉय से बहुचर्चित पनामा पेपर्स लीक कांड में लगभग 5.30 घंटे तक पूछताछ की थी। इसी प्रकरण में ऐश्वर्या के पति अभिषेक को ईडी ने ही पूछताछ के ऐश्वर्या के साथ कुल 2 बार तलब किया था। लेकिन पिछली बार तो व्यक्तिगत कारणों के हवाले से दोनों ही नहीं आए। इस बार भी ऐश्वर्या आईं, लेकिन अभिषेक अनुपस्थित रहे।
 
बताया जाता है कि पनामा पेपर्स दुनिया में भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी का अभी तक का शायद सबसे बड़ा भंडाफोड़ है जिसमें विश्व के लगभग 80 देशों (भारत के अंग्रेजी दैनिक 'द इंडियन एक्सप्रेस' को मिलाकर) के मीडिया हाउस के लगभग 400 खोजी पत्रकारों की भागीदारी थी।
 
कहा जाता है कि इसी भंडाफोड़ के कारण पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से इस्तीफा देना पड़ा था और पाकिस्तान की अनेक हस्तियों के साथ भारत के लगभग 500 बड़े लोगों के इस प्रकरण में नाम हैं जिनमें अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या बच्चन के साथ ही भगोड़े शराब व्यवसायी विजय माल्या और प्रसिद्ध डॉन इकबाल मिर्ची के नाम भी हैं।
 
कहा जा रहा है कि टैक्स हैवन (कर चोरी का स्वर्ग) के नाम से मशहूर लगभग 40 लाख की आबादी वाले पनामा देश इस कांड का मुख्य केंद्र होने के कारण इस पूरे प्रकरण का नाम 'पनामा पैपर्स लीक कांड' पड़ा। बताया जा रहा है कि लगभग उक्त सभी शंकित 500 भारतीयों की कुल 20,078 करोड़ रुपए की अघोषित रकम इन पनामा के अलावा अन्य देशों में जमा है। इसकी पड़ताल के लिए ईडी ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में एक उच्च अधिकारी को भी भेजा था।
 
सबसे बड़ी बात यह है कि इस हेराफेरी में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का नाम भी आया था तो उन्होंने इस बात का तत्काल खंडन कर दिया था। दरअसल, अंग्रेजी के दैनिक 'द इंडियन एक्सप्रेस' में छपी एक खबर को लेकर अमिताभ ने यह खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि मैं देश का जिम्मेदार नागरिक हूं और सभी टैक्सों का मैंने पूरा भुगतान किया है। अमिताभ ने यह भी कहा था कि जिन कंपनियों के निदेशक मंडलों में मेरे नाम होने का जिक्र चल रहा है, उन्हें मैं जानता तक नहीं।
 
विशेषज्ञ कहते हैं कि टैक्स की हेराफेरी करने के लिए बड़े लोग अक्सर विदेशों में छोटी-छोटी फर्जी कंपनियां बना लिया करते हैं। जर्मनी के अखबार Suddeutsche Zeitung (SZ) ने सबसे पहले इस संबंध में पहली रिपोर्ट छापी थी, जो लाखों कागजातों को खंगालने के बाद तैयार की गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि बच्च्न परिवार की 4 कंपनियों में से 1 का निदेशक अभिषेक बच्चन को बनाया गया था। एक दूसरी कंपनी की ऐश्वर्या पहले शेयर होल्डर बनाई गईं, फिर निदेशक बनाई गईं और अंतत: उक्त कंपनी को निष्क्रिय कर दिया गया। इस कंपनी की कीमत 50 हजार डॉलर बताई जा रही है।
 
बताया जा रहा कि इस कथित खुलासे के बाद बच्चन परिवार फिर मुश्किलों में पड़ सकता है और इस भंडाफोड़ की आंच सऊदी अरब अमीरात, अर्जेंटीना व यूक्रेन तक पहुंच चुकी है।

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