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फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापनों के लिए प्रोपब्लिका नाम की एक कंपनी ने नए-नए टूल्स ईजाद किए हैं। इसका उद्देश्य ही है, फेसबुक पर लोगों की रुचि के अनुसार राजनीतिक विज्ञापनों को पोस्ट करना। प्रोपब्लिका के इस प्रोजेक्ट में एबीसी न्यूज नेटवर्क भी हिस्सेदार है। इसे पॉलिटिकल एड कलेक्टर प्रोजेक्ट नाम दिया गया है।
प्रोपब्लिका के जेरेमी मेरिल ने एक तकनीकी पत्रिका को बताया कि फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापनों का अपना महत्व है। हमारी कंपनी जिस तरह के टूल बना रही है, उसके जरिए राजनीतिक पार्टियां अपनी विचारधारा के लोगों तक ऑटोमेटिक तरीके से अपने विज्ञापन भेज सकती हैं। इसका मतलब यह है कि आपकी फेसबुक पोस्ट में किस तरह का रुझान है, उसी तरह के विज्ञापन आपको बार-बार देखने को मिलेंगे।
पॉलिटिकल एड कलेक्टर नामक इस टूल को आप अपने वेब ब्राउजर में जोड़ सकते हैं। फेसबुक पर आप जो भी विज्ञापन देखते हैं, वे इस ब्राउजर पर भी नजर आएंगे। इस तरह इस कंपनी के पास एक बड़ा पब्लिक डाटा बेस तैयार हो रहा है। कंपनी का कहना है कि हम कोई व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा नहीं करते, केवल आपकी राजनीतिक रुचि की खबरें ही इकट्ठा करते हैं।
एबीसी न्यूज का कहना है कि प्रोपब्लिका का यह प्रोजेक्ट मुनाफे के लिए नहीं है। इसके बहाने हम यह भी जानना चाहते हैं कि सोशल मीडिया के उपभोक्ता किस तरह की विचारधारा रखते हैं। प्रोपब्लिका को गूगल क्रोम या फायरफोक्स ब्राउजर पर प्लगइन किया जा सकता है। इसके लिए फेसबुक पर यूजर को सहमति देनी होती है। इन विज्ञापनों का उपयोग प्रोपब्लिका अपने डाटा बेस की जानकारी रखने के लिए कर सकता है।
फेसबुक जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यूजर्स की दिलचस्पी को जानने और समझने के लिए यह सबसे नया औजार बनाया गया है। प्रोपब्लिका के अनुसार उसने करीब 60 हजार विज्ञापनों का डाटा बेस तैयार किया है। भारत में 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए यह एक बहुत उपयोगी टूल हो सकता है। इसके अपने खतरे भी हैं और उनसे बचने के उपाय चुनाव आयोग किस तरह करता है, यह देखने वाली बात होगी।