मन के चाचर चौक में : गुजरात में बगैर गरबे की नवरात्रि

निधि सक्सेना
गुजरात में बगैर गरबे की नवरात्रि न कभी देखी न सुनी..इस वर्ष मां चाचर चौक में नहीं पधारीं..शहर सूना.. गरबा ग्राउंड सूने..रातें सूनी..
 
वरना यहां तो नवरात्र के चार महीने पहले से ही तैयारी शुरू हो जाती है.. कि कोई गुज्जू जब चाचर चौक पर कदम रखता है तो हर उदासीनता तिरोहित कर देता है..जब मां के इर्दगिर्द घूमता है तो हर मनोमालिन्य उनके चरणों में अर्पित कर देता है.. 
 
कि उसकी उमंग का खुमार है गरबा ..उसकी  आस्था का परिचय है गरबा..वर्ष भर इस महायज्ञ के आयोजन का इंतजार है गरबा..
 
नौ दिन मन के हर रंग की अभिव्यक्ति का नाम है गरबा..
 
परन्तु इस साल सब सूना..
 
न चाचर चौक में मां का आगमन है
न गरबे की रमझम
न रात बारह बजे आरती के मधुर स्वर हैं
न रास न राग न उल्लास..
पर रुकिए
इस बार थोड़े अलग ढंग से नवरात्रि मनाते हैं न
मां को मन के चाचर चौक में उतारते हैं
मन से मन का रास खेलते हैं
भीतर गरबा घूमते हैं
भीतर आरती गाते हैं..
कि इस बार उत्सव का रंग भीतर चढ़ने देते हैं..
मां भी तो उतनी ही शिद्दत से याद कर रही होगी हमें
कहीं उदास न लौट जाए...

 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

सर्दियों में रूखी त्वचा को कहें गुडबाय, घर पर इस तरह करें प्राकृतिक स्किनकेयर रूटीन को फॉलो

Amla Navami Recipes: आंवला नवमी की 3 स्पेशल रेसिपी, अभी नोट करें

Headache : बिना साइड इफेक्ट के सिर दर्द दूर करने के लिए तुरंत अपनाएं ये सरल घरेलू उपाय

बिना दवाइयों के रखें सेहत का ख्याल, अपनाएं ये 10 सरल घरेलू नुस्खे

झड़ते बालों की समस्या को मिनटों में करें दूर, इस एक चीज से करें झड़ते बालों का इलाज

सभी देखें

नवीनतम

कोरोना में कारोबार बर्बाद हुआ तो केला बना सहारा

केला बदलेगा किसानों की किस्मत

भारतीय लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही असमंजस में हैं!

Style Secrets : स्मार्ट फॉर्मल लुक को पूरा करने के लिए सॉक्स पहनने का ये सही तरीका जान लें, नहीं होंगे सबके सामने शर्मिंदा

लाल चींटी काटे तो ये करें, मिलेगी तुरंत राहत

अगला लेख
More