कोरोना काल की कहानियां : मजबूरी से निकली रोजगार की राह

सीमा व्यास
तीन साल पहले ही रजनी इस शहर में आई थी। उसके पति मॉल में सिक्यूरिटी आफिसर थे। उसने अपनी बेटी को शहर के बेहतर अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में डाला। अब वह थर्ड में  पढ़ रही थी। परीक्षा होते ही लॉकडाउन लग गया और नये सत्र की पुस्तकें रखी ही रह गई। कुछ दिन बाद स्कूल से संदेश आया कि आनलाइन पढ़ाई होगी। रोज लिंक दी जाएगी। उसे खोलकर टीचर के बताए अनुसार पढ़ना है। 
 
एक तो मॉल बंद होने से पति के रोजगार की चिंता थी और ऊपर से पढ़ाई का तनाव। बेटी को मोबाइल पर लिंक खोलकर देते। छोटी सी स्क्रीन में उसे कुछ समझ नहीं आता। बेटी की पढ़ाई बराबर हो इसके लिए रजनी उसके साथ बैठने लगी। बेटी का मन थोड़ी देर ही लगता। पर रजनी पूरा सत्र ध्यान से सुनती। फिर बेटी को पढ़ाती। 
 
एक दिन टीचर ने उसे उसे 'पार्ट्स आप अ प्लान्ट' समझाए। शाम को रजनी उसे पढ़ाते हुए बाहर  गमले के पास ले गई और छूकर पौधे के अलग अलग भागों वह उनके कार्यों को बताया।  उसकी पड़ोसन क्षमा उसे देख रही थी। तुरंत पास आकर बोली,' तुम कितने अच्छे से समझा रही थी। मेरे बेटे का ऑनलाइन क्लास में भी यही चेप्टर पढ़ाया। पर उसे कुछ समझ नहीं आया। मैं तो इतनी अंग्रेजी जानती नहीं। तुम मेरी मदद करो न ! कल से मेरे बेटे को भी पढ़ा दो। दोनों एक कक्षा में तो हैं। मैं ट्यूशन फीस दूंगी न तुम्हें।' 
 
रजनी को अंतिम वाक्य में बहुत उम्मीद लिखी दिखी। उसने पढ़ाने के लिए हां कह दिया। फिर क्षमा से अपनी आर्थिक मजबूरी की बात की। क्षमा ने कालोनी में बात कर रजनी को छह बच्चों की ट्यूशन दिला दी। 
 
अब साल पूरा निकल गया। रजनी के पढ़ाए बच्चे परीक्षा देने को तैयार हैं। इस बार बहुत सी माताएं ट्यूशन के लिए पूछकर गई हैं। रजनी तैयार है। उसे अपनी बेटी को लैपटॉप भी तो दिलाना है।
ALSO READ: कोरोना काल की कहानियां : लॉकडाउन ने बदला बहू का नज़रिया
ALSO READ: कोरोना काल की कहानियां : कैसे जीता बीमारी की दहशत को....
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

सार्थक बाल साहित्य सृजन से सुरभित वामा का मंच

महंगे क्रीम नहीं, इस DIY हैंड मास्क से चमकाएं हाथों की नकल्स और कोहनियां

घर में बेटी का हुआ है जन्म? दीजिए उसे संस्कारी और अर्थपूर्ण नाम

क्लटर फ्री अलमारी चाहिए? अपनाएं बच्चों की अलमारी जमाने के ये 10 मैजिक टिप्स

आज का लाजवाब चटपटा जोक : अर्थ स्पष्ट करो

अगला लेख
More