मंगल भारी है, कड़क है, लड़के के लिए हानिकारक है। लड़की की पहले पेड़ से शादी कराएं। किसी जानवर से पहले शादी करवा दीजिए क्योंकि लड़की का विधवा योग है। लड़के को छुट्टी नहीं मिल रही उसके फोटो से ब्याह दो। तलवार से शादी भी तो सुनी ही होगी। अरे भगवान से शादी करवा कर खुद के उपभोग की वस्तु बना कर सबके लिए उपलब्ध होने के लिए बाध्य देवदासियों की व्यथा तो याद है न? कौन है इन सब बेरहम, क्रूर, अमानवीय (कु)रीतियों का शिकार? “औरतें”।
कभी किसी आदमी जात को देखा है होने वाली बीबी के लिए ऐसा कुछ करते? “आत्मा त्वं, गिरिजा मति: सहचरा प्राणा: शरीरं गृहं”- आत्मा शिव है, पार्वती बुद्धि है और प्राण सहचर हैं और शरीर ही घर है।(शिवमानस पूजा-शंकराचार्य) अर्धनारीश्वर शिव की आराधना तो हम करते हैं पर मानते ही नहीं।
बिना शिव-शक्ति के संसार की कल्पना नहीं की जा सकती। हर इंसान में दोनों स्वरूप बसते हैं। इसलिए हम ही शिव हैं हम ही शक्ति इससे इंकार नहीं किया जा सकता। अब बात आती है 24 साल की क्षमा बिंदु की जिसने खुद से की शादी, बिना दूल्हे के लिए सात फेरे, बनी भारत की पहली सोलोगामी (Sologamy)..।तो ऐसा क्या गुनाह किया? पहली बात तो ये-गे, लेस्बियन, सोलोगामी विषय आपको इतना रुचिकर क्यों लगता है?
सनी लियोनी जैसियों के फिंगर प्ले देख सिसिकियां भरने वालों, गाय, बकरी, कुत्ती जैसे निरीह मूक जानवरों को भी अपनी हवस का शिकार बनाने वालों ने तो अब बंगाल मॉनिटर छिपकली को भी नहीं छोड़ा? भूल गए क्या महाराष्ट्र के सह्याद्री टाईगर रिजर्व में गैंगरेप? आपको जान कर हैरत होगी कि ये प्राणी, वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम 1972 की तहत एक आरक्षित प्राणी है। बावजूद इसके इस तथाकथित एडवेंचर का वीडियो बनाया। कई बच्चियां, औरतें उम्र, जाति की सीमा से परे अपने परायों से ज्यादतियों का शिकार होतीं हैं तब कहां जाती है ये मर्दानगी?
वो औरत हैं, ये उनका गुनाह है? तुम मर्द हो तो क्या हमारे खुदा बन बैठोगे? अबे ये अधिकार तुम्हें दे कौन रहा है? ऐसा कोई गुनाह तो नहीं किया क्षमा बिंदु ने? क्षमा बिंदु के लिए किए जाने वाले गंदे कमेंट्स न केवल आपकी परवरिश की झलक देते हैं बल्कि आपके मानसिक दिवालियेपने को भी उजागर करते हैं।जिंदगी का मकसद शादी नहीं है, शादी का मतलब सिर्फ सेक्स नहीं है, सेक्स का मतलब बच्चा नहीं है। अगर किसी स्त्री या पुरुष को बच्चा चाहिए ही तो उसके लिए शादी और सेक्स जरूरी नहीं है, तमाम तरीके हैं अडॉप्शन, आईवीएफ से लेकर सरोगेसी तक। और अब हमारी मर्जी।
पाकिस्तान जैसे देश में मेरा जिस्म मेरी मर्जी जैसे आन्दोलन होने लगे हैं और विरोधियों को लानत मलानत झेलनी पड़ी है। तो ये तो भारत है हिंदुस्तान..। नारी, प्राणी, पेड़ों आदि को पूजने वाला देश।तो ऐसा क्या गुनाह हो गया?
और जो ये खुद से तलाक कैसे लेगी? बच्चे कैसे करेगी...यह सब कह रहे ये हद दर्जे के कुंठित लोग हैं..जिनके लिए जिंदगी का मकसद शादी, सेक्स और बच्चा बस यही प्रोसेस है...
और हां शादी के बाद के पत्नियों के साथ हो रहे बलात्कारों के बढ़ते आंकड़ों को भी जरा ध्यान में रखना। सबसे ज्यादा पीड़ा तब होती है जब औरतें भी इस विक्षिप्तता में शामिल हो औरत को कोसने लगतीं हैं।
मेरा मकसद न इस मुद्दे का पक्ष है न विपक्ष। केवल मानसिकता का विरोध है जो औरतों की स्वतंत्रता, निजता का हनन करता है। क्षमा ने खुद से शादी की ये उसकी मर्जी...आपका क्या बिगड़ रहा? नयन सुख मात्र से मास्टबेशन का सुख भोग लेने वाली कौम जब सनातन धर्म और नैतिकता की बातें करती है तब इन पर केवल तरस आता है। असल में बिंदु ने सबकी अहंकार की नैय्या में छेद कर दिए हैं जो अब गुड़ गुड़ गोते खा रही है और इनके आडम्बरों के चप्पुओं से पार नहीं उतरने पा रही।
हां यदि सोशल मीडिया पर रातों रात स्टार बन सनसनी पैदा करने की इच्छा से भी यदि उसने ऐसा किया है तो भी उन घटिया, अश्लील, उबाऊ, भौंडे कारनामों को भी तो तुम झेल, उलजलूल टीवी और चेनल्स, अख़बारों में हाथों हाथ ले रहे तो बिंदु ने ऐसा क्या गुनाह किया जो तुम्हारे छाती पर इतने सांप लोट गए....