भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा के सबसे बड़ा चुनावी कैंपेन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा सियासी 'अपशकुन' के बीच तय समय से पहले खत्म हो गई है। पार्टी ने जन आशीर्वाद यात्रा के कार्यक्रम में बदलाव करते हुए जबलपुर में गुरुवार को मुख्यमंत्री की आखिरी सभा और रोड शो के साथ ही यात्रा को रोकने का फैसला किया। यात्रा खत्म करने के पीछे भाजपा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चुनावी व्यस्तता का हवाला दिया है।
भाजपा का कहना है कि अब मुख्यमंत्री चुनावी सभा के जारिए चुनाव प्रचार में जुटेंगे। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और जन आशीर्वाद यात्रा के प्रभारी प्रभात झा का कहना है कि 187 सीटों तक पहुंचने वाली मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा जबलपुर से खत्म हो गई है और मुख्यमंत्री यात्रा से छूटे शेष 43 सीटों में पार्टी के अन्य कार्यक्रम के तहत पहुचेंगे।
पहले भाजपा ने जन आशीर्वाद यात्रा को चुनाव तक निकालने का एलान किया था लेकिन अब आनन फानन में यात्रा को रोके जाने से कांग्रेस ने सवाल उठा दिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि भाजपा ने जन आशीर्वाद में भीड़ न आने और यात्रा को लेकर लोगों के विरोध को देखते हुए आनन फानन में ये फैसला लिया है। इससे पहले जन आशीर्वाद यात्रा आखिरी दो दिन सियासी गलियारों में खूब चर्चा के केंद्र में रही। यह यात्रा जब ग्वालियर पहुंची तो स्थानीय लोगों ने यात्रा के विरोध में मुख्यमंत्री के रथ पर बोतल फेंकी।
वही यात्रा के आखिरी दिन जबलपुर पहुंची जन आशीर्वाद यात्रा के रथ का डीजल खत्म होना भी खूब चर्चा के केंद्र में रहा। सिहोरा से जबलपुर आते वक्त जन आशीर्वाद यात्रा के रथ का डीजल खत्म हो गया। इससे रास्ते में ही करीब 15 मिनट तक रथ के पहिए रूके रहे। इसके बाद आनन-फानन में रथ में डीजल डलवाया गया। वहीं रथ के जेनरेटर का डीजल खत्म होने से रथ में लगी हाइड्रोलिक लिफ्ट नहीं चली।
ग्वालियर में रोड शो में भीड़ न आना, मुख्यमंत्री के रोड शो में बोतल फेंका जाना और जबलपुर में रथ का डीजल खत्म होना सियासी गलियारों में भाजपा के लिए अपशकुन माना जा रहा है।
वहीं भाजपा के इस कथित अपशकुन पर कांग्रेस ने चुटकी लेने में देर नहीं की। कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि आचार संहिता लगने के पहले मुख्यमंत्री शिवराज की जनआशीर्वाद यात्रा में सरकारी पैसा का दुरूपयोग हो रहा था। सभा में आने वाली भीड़ भी सरकारी थी। वहीं आचार संहिता लगने के बाद न तो यात्रा में भीड़ आ रहीं है। उलटे यात्रा का विरोध हो रहा है। ऐसे में भाजपा ने यात्रा को समाप्त करने का फैसला किया है।