खरगोन। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वे अपने बयानों के चलते शिवराजसिंह चौहान या उनके परिवार द्वारा दाखिल किए जाने वालों मानहानि मुकदमों से नहीं डरते और वे जनहित में सच्चाई उजागर करते रहेंगे।
मंगलवार को अपराह्न खरगोन के नवग्रह मेला मैदान में संकल्प रैली के तहत जनसभा को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि वे चौहान या उनके परिवार द्वारा दायर किए जाने वाले मानहानि मुकदमों से नहीं डरते और जनता के हित में सच्चाई बयान करते रहेंगे।
उन्होंने पनामा पेपर लीक मामले का जिक्र ना करते हुए आरोप लगाया कि यह सर्वविदित है कि चौहान तथा उनका परिवार व्यापम घोटाले में खुले तौर पर शामिल रहा है, जिसके चलते प्रदेश के लाखों युवा बेरोजगारों को नौकरी से वंचित रहना पड़ा और उनका भविष्य समाप्त हो गया।
उन्होंने कहा कि व्यापम के चलते 50 लोगों की हत्या भी हुई। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में हर युवा जानता है कि बिना पैसे दिए उन्हें नौकरी या अच्छे कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिल सकता। गांधी ने कहा कि उनके व्यापम को लेकर सोमवार के संबोधन से नाराज हुए चौहान यदि और भी मानहानि का मुकदमा लगाते हैं तो और लगा दें, वह इसकी चिंता नहीं पालते।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास युवाओं को रोजगार देने तथा किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने का 'विजन' है, जिसके मुताबिक हर जिले में किसानों के खेत के पास 'फूड प्रोसेसिंग प्लांट' लगाकर उन्हें आधारभूत संरचनाओं से जोड़ा जाएगा, जिससे किसान अपनी उपज वहां पहुंचाकर उसका उचित मूल्य ले सकेंगे। साथ ही फूड प्रोसेसिंग यूनिट में उनके बेटे-बेटियों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा प्रत्येक जिले के ऊर्जा को वे दुनिया से जोड़ने का काम करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि विगत 15 वर्षों में चौहान ने या पिछले साढ़े चार वर्षों में नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के किसी शहर का नाम दुनिया से नहीं जोड़ा, जबकि इंदौर और भोपाल जैसे शहरों का नाम दुनिया के नक्शे पर आ जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जमाने में विकसित दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु तथा हैदराबाद को ही दुनिया जानती है।
गांधी ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के पास कोई विजन नहीं है। वह व्यापम, डंपर, ई-टेंडरिंग, रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन घोटालों में फंसने के बाद उनसे निकलने की ही तरकीबें ढूंढते रहते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली और उन्हें अपने अमीर मित्रों के काले धन को सफेद करने और उनके हितों के लिए नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि इसके चलते गरीबों, किसानों, छोटे व्यापारियों, महिलाओं को तकलीफें हुई जबकि दूसरी ओर मोदी ने साढ़े तीन लाख करोड़ अपने 15 अमीर दोस्तों को कर्ज माफी के रूप में तोहफा दिया। गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर कहा कि नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी में हर जगह मोदी है और नीरव और ललित के कारनामे चौकीदार से अलग नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी ने लाल किले से अपने डेढ़ घंटे के भाषण में कांग्रेस के शासनकाल में काम न करते हुए सोते रहने के आरोप लगाए हुए एनडीए शासनकाल को ही देश के विकास का काल निरूपित किया है। उन्होंने इस पर आपत्ति लेते हुए कहा कि मोदी ऐसा कहकर दरअसल कांग्रेस पर ही नहीं देश की जनता और उसकी शक्ति तथा इतिहास पर अंगुली उठाते हैं।