भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा का विजयी रथ रोकने के लिए कांग्रेस की कोशिश को एक और बड़ा झटका लगा है। बसपा के बाद अब समाजवादी पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने चुनाव के लिए गठबंधन कर लिया है।
वेबदुनिया प्रतिनिधि से बात करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक श्याम सिंह मरकाम ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए दोनों पार्टी ने गठबंधन किया है। मरकाम ने कहा कि आज शहडोल में होने वाले कार्यक्रम में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और गोंडवाना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरा सिंह मरकाम खुद इसका ऐलान कर सकते है। श्याम सिंह मरकाम का कहना है कि उनकी कोशिश है कि भाजपा को हराने के लिए मध्यप्रदेश में एक महागठबंधन बने। इसके लिए बहुजन समाज पार्टी से भी बातचीत जारी है।
श्याम सिंह ने कहा कि जल्द ही इस पर आखिरी फैसला हो जाएगा। कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत जारी थी, लेकिन सीटों को लेकर बात नहीं बन पाई। बताया जा रहा है कि पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन में जाने पर बीस सीटों की मांग कर रही थी, लेकिन कांग्रेस जीजीपी को आठ से नौ सीटें दे रही थी। इस पर पार्टी तैयार नहीं थी, जिसे लेकर गठबंधन अटक गया।
भाजपा के खिलाफ अकेले पड़ी कांग्रेस : मध्यप्रदेश में इस बार सत्ता का वनवास खत्म करने के लिए विधानसभा चुनाव में वोटों का बिखराव रोकने के लिए पार्टी छोटे दलों को साथ लेने की कोशिश में अब नाकाम दिख रही है। पहले जहां बसपा ने कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए 22 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया था, वहीं अब महाकौशल और विंध्य में खासा प्रभाव रखने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी समाजवादी पार्टी से हाथ मिला लिया है।
मध्यप्रदेश में गोंड आदिवासी के बीच अच्छा जनाधार रखने वाली गोंडवाना पार्टी के सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से कांग्रेस विंध्य और महाकौशल में कई सीटों पर मुश्किल में पड़ सकती है। इस गठबंधन के बाद अब कांग्रेस के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। गोंडवाना पार्टी का महाकौशल और विंध्य में आदिवासी इलाकों में काफी प्रभाव माना जाता है।
मध्यप्रदेश की कुल 23 फीसदी आदिवासी आबादी में से सात फीसदी गोंड आदिवासियों की आबादी है। 2003 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में गोंगापा के तीन विधायक चुने गए थे, वहीं प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों पर गोंडवाना पार्टी का प्रभाव सियासत के जानकार मानते हैं।