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भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के चुनावी शंखनाद में भाड़े पर लाए झंडे उठाने वाले

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, सोमवार, 8 अक्टूबर 2018 (00:21 IST)
इंदौर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मध्यप्रदेश में 28 नवम्बर को विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान के चंद घंटे पूर्व चुनावी शंखनाद करने आए थे लेकिन हैरत की बात है कि उनके सामने भीड़ जुटाने के लिए भाड़े पर उन लोगों को पार्टी का झंडा उठाकर खड़ा कर दिया, जो मजदूर थे, मंदिर में भीख मांगते थे और बैंड-बाजा में काम करने वाले लोग थे। सोशल मीडिया में इस पूरे नजारे वीडियो वायरल होने के बाद वह सुर्खियां बटोर रहा है।
 
 
शनिवार को भाजपा अध्यक्ष शाह इंदौर में थे लेकिन उनके आने के ठीक एक दिन पहले एयरपोर्ट इलाके में नगर निगम के कर्मचारी भाजपा की झंडियां लगाते कैमरों में कैद कर लिए गए। सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने के कारण भाजपा की भद हो ही रही थी कि अगले दिन राजबाड़ा से चुनावी शंखनाद करने की शाह की मुहीम पर एक और काला दाग लग गया।
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भाड़ेतियों का भाजपा से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं : राजबाड़ा पर बगीचे के सामने अलग-अलग शख्सियतों के लोग भाजपा का झंडा उठाए खड़े थे। ये लोग कहीं से भाजपा के कार्यकर्ता नहीं लग रहे थे। जब उनसे कैमरे के सामने के बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें 2-3 घंटों के लिए भाड़े पर लाया गया है। बदले में उन्हें 200-250 रुपए मिलेंगे, वो भी बाद में। मजदूर चौक और राजकमल बैंड में लाइट उठाकर चलने वाले इन भाड़ेतियों का भाजपा से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं था।
 
पापी पेट का सवाल : इंदौर में कई जगह मजदूर चौक बने हैं, जहां सुबह से ही मजदूरों की भीड़ जमा हो जाती है, जो सुबह से शाम तक डटे रहते हैं। चंद लोगों को काम मिल जाता है, बाकी के मायूस खाली जेब घर लौट जाते हैं। भाजपा के अध्यक्ष के सामने खड़े होने वाले कुछ मजदूर भी इन्हीं में से थे, जिनसे कहा गया था कि कुछ घंटे खड़े रहना है, बदले में रुपए मिलेंगे। पापी पेट की खातिर इन मजदूरों ने भाजपा का झंडा हाथ में लेकर खड़े रहने में कोई गुरेज नहीं था।
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मंदिरों के बाहर भीख मांगने वालों को कर दिया खड़ा : यह भी आश्चर्य करने वाली बात है कि भाजपा के इंदौरी नेताओं ने मंदिर के बाहर रुपए-दो रुपए की भीख मांगने वालों को भी नहीं छोड़ा। मंदिर के बाहर खड़े रहकर भीख मांगने वाले कुछ भिखारियों को भी राजबाड़ा पर झंडे लेकर अमित शाह के सामने पेश कर दिया। शाह समझते रहे कि ये लोग कार्यकर्ता है लेकिन असलियत कुछ और ही थी।
 
स्थानीय नेताओं के जिम्मे था भीड़ का ठेका : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंदौर में हो तो उनके सामने झांकी जमाने का अवसर कोई भाजपाई नहीं छोड़ता। अपने अपने तरीके से उन्हें लुभाने के प्रयास किए जाते रहे हैं। शनिवार को भी बहुत बड़ी भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन इंदौरियों ने उन्हें कोई खास तवज्जो नहीं दी। भाजपा नेता बड़ी भीड़ जुटाने में पूरी तरह नाकाम रहे। रही-सही कसर भाड़े पर लाए गए लोगों ने खुलासा करके पूरी कर दी। 
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पूरे राजबाड़ा को भाजपाई रंग : शहर के दिल कहे जाने वाले राजबाड़ा एक ऐसा स्थान है, जहां पर पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट मैच जीतने के बाद या फिर 15 अगस्त-26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्व की पूर्व संध्या पर आयोजित होने वाले देशभक्ति के कार्यक्रम में पैर रखने की जगह नहीं मिलती है।

यहीं से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का आगामी विधानसभा चुनाव के लिए शंखनाद था। पूरे राजबाड़ा को झंडे बैनर से भाजपाई जरूर रंग दे दिया था लेकिन वैसा नजारा कहीं नहीं दिखा जो किसी मैच के जीतने पर दिखाई देता है। शहर के आम लोगों को तो अपनी दाल-रोटी की फिक्र थी, लिहाजा उनका शाह से कोई सरोकार नहीं था...

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