Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

महाराणा प्रताप जयंती: मेवाड़ के राजपूत शेर महाराणा प्रताप से सीखें 10 प्रेरक बातें

हमें फॉलो करें महाराणा प्रताप जयंती: मेवाड़ के राजपूत शेर महाराणा प्रताप से सीखें 10 प्रेरक बातें
जिनके भाले की नोक से शत्रु का रक्त कभी सूखा नहीं,
अरे मुण्डों की प्यासी जिनकी तलवार एक बार,
युद्ध भूमि में बिजली सी चमक तो म्यान में फिर गई नहीं,
रण क्षेत्र में एक बार धारण किया योद्धा का कवच तो,
जीवनपर्यंत ऐसा रहा फिर कभी उतरा नहीं।
- अज्ञात
 
अपने शौर्य, पराक्रम और बहादुरी के लिए पहचाने जाने वाले अपराजिता, अजेय, अजातशत्रु राजा महाराणा प्रताप की जयंती 2 जून को है। मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप जिन्हें अंतिम दौर में अपराजित घोषित कर दिया था लेकिन वे तो शौर्य के महाराणा थे, वे तो स्वतंत्रता के शूरवीर महाराणा थे। वे एक ऐसा नाम है जिनकी कहानियों से इतिहास के पन्ने भरे हुए हैं। 
 
महाराणा प्रताप, मेवाड़ के 13वें राजपूत राजा थे। राजस्थान के कुंभलगढ़ में जन्में महाराणा प्रताप, महाराणा उदयसिंह और महारानी जयवंती की संतान थे। महाराणा प्रताप के यू तो कई सारे युद्ध हैं लेकिन हल्दीघाटी में मुगल शासक के खिलाफ लड़ा गया युद्ध इतिहास के पन्नों में दर्ज है। वह सबसे चर्चित युद्ध है। साथ ही जंगल में घास की रोटी खाने का किस्सा भी लोकप्रिय है। आज भी उनके जीवन से सीखने के लिए बहुत कुछ है। जानते हैं 10 प्रेरक बातें - 
 
- समय इतना ताकतवर होता है कि एक राजा को भी घास की रोटी खिला सकता है।
 
- मनुष्य का गौरव व आत्म सम्मान उसकी सबसे बड़ी कमाई होती है। इसलिए इनकी सदैव रक्षा करनी चाहिए।
 
- अपने व अपने परिवार के साथ जो अपने राष्ट्र के बारे में भी सोचते हैं, वही सच्चे नागरिक होते हैं।
 
- तब तक परिश्रम करो, जब तक तुम्हे तुम्हारी मंजिल न मिल जाए।
 
- अन्याय व अधर्म आदि का विनाश करना पूरी मानव जाति का कर्तव्य है।
 
- जो अत्यंत विकट परिस्थिति में भी हार नहीं मानते हैं, वो हार कर भी जीत जाते हैं।
 
- जो सुख में अति प्रसन्न और विपत्ति में डर कर झुक जाते हैं, उन्हें न तो सफलता मिलती है और न ही इतिहास उन्हें याद रखता है।
 
- अगर सांप से प्रेम करोगे तो भी वह अपने स्वभाव अनुरूप कभी न कभी डसेगा ही।
 
- शासक का पहला कर्तव्य अपने राज्य का गौरव और सम्मान बचाए रखना होता है।
 
- अपना गौरव, मान-मर्यादा और आत्म सम्मान के आगे जीवन की भी कोई कीमत नहीं है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

खानखाना ने अकबर से महाराणा प्रताप के बारे में ऐसा क्यों कहा कि 'लड़ा मनुष्यों से जाता है जहांपनाह, फरिश्तों से नहीं'