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मेरी मां : मदर्स डे पर एक सरल कविता

हमें फॉलो करें poem on mothers day 2023
My Mother A poem on Mothers Day 
चारूमित्रा नागर
मेरी मां 
मां एक शब्द, 
एक शख्सियत है 
जो बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सुकून देती है... 
हर कोई भुलाया जा सकता है पर मां को नहीं।
मां के आंचल में ईश्वर हैं।
लोरी गाकर सुलाना 
और सुबह प्यार से सिर पर हाथ रख कर जगाना... 
ये मां अलावा कोई नहीं करता, कोई नहीं कर सकता।
मेरी मां बहुत प्यारी है।
गलती पर डांट लगाती और खुद रोती हैं 
अपने हाथों से खिलाती रोटी है 
थोड़ा रूठ कर देखो मां की जान पर आ जाती है।
हर मां ऐसी ही होती है... 
बच्चों के लिए जग से लड़ जाती, पर बच्चों पर आंच नहीं आने देती।
दया करूणा ममता की मूरत है मेरी मां।
मां के आंचल में हर सुख मिल जाता है।
इसलिए तो मां को महान कहा जाता है।
जब सारा जग सोता है तब मां
 नन्ही जान के लिए रात भर जागती है।
मजाल है उसके बच्चों को कोई कुछ कह दे।
अपने बच्चे के लिए वह चट्टान बन जाती है... 
यही मेरी मां है ऐसी सबकी मां है... 
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