मैं कृति हूँ माँ की

सरोजकुमार

Webdunia
ND
माँ, जिसने मुझे जन्म
दिया मेरे लिए
जरूरत बे-जरूरत
मरने को भी तैयार हो
जाएगी
बिना एक पल खोए।
पिता नहीं।
मैं कृति हूँ माँ की
ऐसी चित्र-कृति
जिसमें उँड़ेल दिए थे उसने
अपने सारे रंग
सारी साँसें, सारे सपने।
पिता तो बस
ईजल रखकर जा चुका था।
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