Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

क्या ऐसी होती है माँ

Advertiesment
हमें फॉलो करें क्या ऐसी होती है माँ

गायत्री शर्मा

NDND
रोज थाली लेकर मंदिर जाती माँ
पत्थर पर भावनाओं के
पुष्प चढ़ाती माँ
कौन कहता है पत्थर निर्जीव है
निर्जीव को भी सजीव बनाती माँ

घर की मेढ़ी पर बैठी माँ
तकती है राह बेटों की
सांझ जैसे-जैसे ढ़लती जाती है
माँ की अश्रु धारा बहती जाती है

उसका वो बार-बार दीए लगाना
हर आहट पर घर से बाहर जाना
उतरता नहीं गले से एक ‍भी निवाला
उठ खड़ी होकर कहती है
मेरा बेटा है आने वाला

देखते ही उसे वो सीने से लगाती है
भोजन की थाल वो हाथों से सजाती है
हिलाती है धीरे-धीरे अपने आँचल को
देती है हवा बेटे को जो
और खुद पसीने में भीग जाती है।

क्या ऐसी होती है माँ
जो त्याग और सर्मपण में ही
जीवन बिताती है।
क्या ऐसी होती है माँ

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi