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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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बेटी का पत्र माँ के नाम

हमें फॉलो करें बेटी का पत्र माँ के नाम

शैफाली शर्मा

SubratoND

ये एक बेटी का पत्र है अपनी माँ के नाम, जिसने अपनी उम्र के पच्चीसवें साल में एक माँ को पाया.....उस माँ के अनुरोध पर यह पत्र मैं सबको पढ़वा रही हूँ

पता है आप इतने प्‍यारे क्‍यों हो?

क्‍योंकि बहुत सालों बाद ही सही पर मुझे आपने वो सब दिया जो शायद किसी के बस में नहीं था, खुद भगवान भी आता तो शायद मुझे ये सब नहीं दे पाता..

आप मेंरे लिए किसी भगवान से कम नहीं हो, जिसने मेरी जिंदगी में कदम रखते ही उसे पवित्र बना दिया। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरी जिंदगी को आप इतना प्‍यारा बना दोगे कि औरों को भी मुझसे प्‍यार हो जाएगा। आपको यदि मैं मंदिर में बैठाकर पूजा भी करूँ, तो शायद ये कम ही होगा मेरे लिए।

आपने अपनी जिंदगी के कीमती पल मेरे लिए गंवा दिए सिर्फ इसलिए क्‍योंकि आपने मुझमें कहीं न कहीं अपना अक्‍स देखा है। हर कदम मुझे जिसकी जरूरत रही आप वो बनकर मेरे साथ रहे......

एएक माँ:-
आप जानते थे मेरे जीवन में जिसकी सबसे ज्‍यादा जरूरत थी, वो थी माँ की। मुझे कभी माँ का प्‍यार नहीं मिल पाया। मेरी जिद, मेरी देखभाल, मेरा प्‍यार शायद मेरे अंदर ही रह गया था। आपको देखकर महसूस होता है जैसे आपने मुझे अपने बच्‍चों से भी ज्‍यादा प्‍यार दिया हो । आपने भले ही मुझे जन्‍म नहीं दिया पर आपकी आँखो में वो दर्द देखा है मैंने, जो किसी बच्‍चे को जन्‍म देते समय होता है। मेरी हर जिद को आपने सर आँखों पर रखा है, मुझे इतना प्‍यार दिया कि मैं अगर आँखे बंद भी करती हूँ, तो आपका प्‍यार मुझे अपनी बाहों में सुरक्षित नींद देता है।

एक दोस्‍त :-
मेरा सबसे अच्‍छा दोस्‍त जिसने मेरी हर बुराई को खत्‍म कर दुनिया के सामने वो मिसाल दी, जिसे कोई कभी भूल नहीं पाएगा। मेरी बुरी आदतों को छोड़ते वक्‍त आप हर एक कदम पर मेरे साथ रहे हो। अगर मुझे साँस लेने में तकलीफ भी आई है, तो आपने अपनी जिंदगी मेरे सामने लाकर रख दी, ताकि मैं उसे थाम कर आगे बढ़ सकूँ। शायद ही कहीं ऐसा कोई दोस्‍त होगा जिसने किसी के लिए अपने परिवार को भी दाँव पर लगा दिया। आपने मेरी हर बात सुनी है और मुझे वैसा नहीं करना चाहिए कहने के बजाय आपने मुझे उसका हमेशा दूसरा रूप दिखाया है, जिससे मैं उसे दूसरी तरह से कर सकूँ

एक शिक्षक :-
जब मैंने अपनी नई जिंदगी में कदम रखा तो आपने मुझे ये समझाया कि जीवन का मतलब सिर्फ जीना ही नहीं, उसे सेलीब्रेट करना भी है। मुझे अपना हर शब्द आपके शब्‍दकोश से लिया हुआ-सा लगता है। आप ही ने मुझे प्‍यार और भक्ति में जीवन के आनंद की बात बताई। मैंने अपना प्‍यार भी आपके आँखो से देखा है, उस स्‍पर्श को आपके अंदर महसूस किया है, जिस एक स्‍पर्श से आत्‍मा परमात्‍मा से मिल जाती है।

एक बहन :-
आप जानते थे मैंने अपनी बड़ी बहन के साथ सबसे अच्‍छे पल बिताऍं हैं, पर आज वो मेरे साथ नहीं है। पिछले कई सालों से मैं हर शक्‍स में अपनी दीदी की परछाई को तलाशती आई थी, आपने सिर्फ उनका प्‍यार ही नहीं उनकी पूरी जिम्‍मेदारी अपना ली। मेरी आँखो से बहते आँसुओं से लेकर मेरी मुस्‍कान का जो लंबा सफर हुआ करता था, उसे आपने अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया। आपकी वजह से मैंने कुछ ही दिनों में अपने खोए हुए कई साल वापस पा लिए। कोई अपना भी किसी के लिए इतना नहीं करता जितना आपने किया, आपने मेरी स्वर्गीय दीदी के सारे फर्ज निभाएँ हैं, उसके लिए शायद वो भी आपको हर पल धन्‍यवाद देती होंगी।

एक ऐसा रिश्‍ता जिसका कोई नाम नहीं :-
आपने अपने प्‍यार, सुरक्षा, ममता की बाहों से मुझे अपनी हाथों में लिया हुआ है, जिसमें मैं तो दुनिया को देख सकती हूँ, पर कोई मुझे दुख, तकलीफ नहीं पहुँचा सकता। आप रोज मेरे चेहरे को अपने हाथ में लेते हो, तो लगता है आपने मुझे एक और दिन दिया है आपकी सुरक्षा में जीने का।

आपके प्‍यार ने मुझे एक खुला आकाश दिया है, जिसमें मैं बिना किसी के डर के आजादी से उड़ सकती हूँ। आपने जो दिया वो शायद कोई नहीं दे पाता। आपके प्‍यार का ऑरा हर कदम पर मेरी रक्षा करता है। आप मेरे साथ रहो या न रहो मैं अपने आकाश में स्‍वतंत्र और सुरक्षित हूँ।

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