Mangal Grah Mandir Amalner And ujjain : धरती माता के पुत्र मंगल देव का जन्म कहां हुआ था? मध्यप्रदेश के उज्जैन में मंगलनाथ नामक स्थान पर या कि महाराष्ट्र के जलगांव के पास स्थित अमलनेर में, जहां श्री मंगल देव का प्राचीन और पवित्र स्थान है। इस संबंध में किसी भी प्रकार का कोई विवाद नहीं है परंतु दोनों स्थान में क्या अंतर है यह जरूर जानना चाहिए।
अमलनेर के मंगल ग्रह के मंदिर में स्थित मंगल देव की मूर्ति उन्हीं के पौराणिक रूप में विद्यमान हैं। यह देश दुनिया की एकमात्र ऐसी मूर्ति है जो मंगलदेव के स्वरूप में हैं। यहां पर 'भूमाता' और 'पंचमुखी हनुमान' मंदिर भी है। विश्व का पहला भूमाता मंदिर यहीं पर स्थित होना माना जाता है, जबकि उज्जैन स्थित मंगलनाथ नामक स्थान पर मंगल देव की पूजा पूजा शिवलिंग और महादेव के रूप में की जाती है।
उज्जैन में आसमान से ही कर्क रेखा निकलती है। कर्क में मंगल नीच का होता है इसीलिए भी इस स्थान पर मंगल दोष का निवारण होता है। पुराणों में उज्जैन को मंगल ग्रह की उत्पत्ति का या जन्म का स्थान माना गया है जबकि अमलनेर को मंगल ग्रह का सिद्ध स्थान माना जाता है।
उल्लेखनीय है कि दोनों ही स्थान पर मंगल दोष निवारण की पूजा होती है। एक ओर जहां मंगलनाथ पर भात पूजा का खास महत्व है वहीं मंगल ग्रह मंदिर अमलनेर में पूजा के साथ ही विशेष अभिषेक और भोमयाज्ञ पूजा का खास महत्व माना गया है। अमलनेर में प्रति मंगलवार को हजारों की संख्या में लोग दूर-दूर से आकर मंगल दोष की शांति का उपाय कराते हैं।