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Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर क्या है तिल, गुड़ और खिचड़ी खाने और बांटने का महत्व

हमें फॉलो करें Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर क्या है तिल, गुड़ और खिचड़ी खाने और बांटने का महत्व
15 जनवरी 2023, रविवार के दिन मकर संक्रांति का महापर्व रहेगा क्योंकि सूर्य के उत्तरायण होने का यह त्योहार संपूर्ण भारत में मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव के साथ ही श्रीहरि विष्णु और शनिदेव की पूजा भी होती है। इस दिन गुजरात में पतंग महोत्सव मनाया जाता है। आओ जानते हैं कि इस दिन तिल, गुड़ और खिचड़ी का क्या है महत्व।
 
गुड़ और तिल : काले तिल और गुड़ के लड्डू बनाकर खाने से घर में सुख समृद्धि आती है। काले तिल और गुड़ का दान करने से सूर्य और शनि दोनों की कृपा प्राप्त होती है।  संक्रांति के दिन काले तिल के लड्डू, नमक, गुड़, काले तिल, फल, खिचड़ी और हरी सब्जी का दान अतिशुभ माना गया है। इस दिन तिल गुड़ या रेवड़ी का दान किया जाता है।
 
सर्दी के मौसम में वातावरण का तापमान बहुत कम होने के कारण शरीर में रोग और बीमारियां जल्दी लगती हैं इसलिए इस दिन गुड़ और तिल से बने मिष्ठान्न या पकवान बनाए, खाए और बांटे जाते हैं। इनमें गर्मी पैदा करने वाले तत्वों के साथ ही शरीर के लिए लाभदायक पोषक पदार्थ भी होते हैं। 
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खिचड़ी : उत्तर भारत में इस दिन खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और गुड़-तिल, रेवड़ी, गजक का प्रसाद भी बांटा जाता है। मकर संक्राति को कई जगहों पर खिचड़ी के नाम से जाना जाता है और खिचड़ी के रूप में मनाया जाता है। बिहार, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल में मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने की प्रथा बहुत पहले से चली आ रही है। आज भी मकर संक्रांति के दिन इन राज्यों में खिचड़ी पकाने और खाने की अनूठी परंपरा है।  
 
मकर संक्रांति को खिचड़ी के रूप में मनाये जाने के पीछे बहुत ही पौराणिक और शास्त्रीय मान्यताएं हैं। मकर संक्रांति के इस पर्व पर खिचड़ी का काफी महत्व है। मकर संक्रांति के अवसर पर कई स्थानों पर खिचड़ी को मुख्य पकवान के तौर पर बनाया जाता है। खिचड़ी को आयुर्वेद में सुंदर और सुपाच्य भोजन की संज्ञा दी गई है। साथ ही खिचड़ी को स्वास्थ्य के लिए औषधि माना गया है। प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार जब जल नेती की क्रिया की जाती है तो उसके पश्चात् केवल खिचड़ी खाने की सलाह दी जाती है। 
 
पाचन क्षमता कमजोर होने पर भी यह आहार आसानी से पच जाता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है, इसलिए बीमारी में मरीजों को इसे खिलाया जाता है, क्यों उस वक्त पाचन शक्ति कमजोर होती है। दाल, चावल, सब्ज‍ियों और मसालों से तैयार की गई खिचड़ी (khichdi) काफी स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर होती है, जो शरीर को ऊर्जा और पोषण देती है। इसके माध्यम से एक साथ सभी पोषक तत्व प्राप्त किए जा सकते हैं।

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