Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बदलापुर एनकाउंटर पर घिरी महाराष्ट्र सरकार, विपक्ष ने उठाए सवाल

Advertiesment
हमें फॉलो करें Badlapur encounter

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मुबंई , मंगलवार, 24 सितम्बर 2024 (00:22 IST)
महाराष्ट्र में बदलापुर कस्बे के एक स्कूल में दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी व्यक्ति की पुलिस की जवाबी गोलीबारी में मौत हो गई। हालांकि आरोपी की मौत पर विपक्ष ने सवाल भी उठाए। अधिकारी ने बताया कि स्कूल में सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाले अक्षय शिंदे को सोमवार को एक अन्य मामले की जांच के सिलसिले में जब तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था तभी उसने पुलिसकर्मियों में से एक की रिवॉल्वर छीन ली और गोली चला दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी गोलीबारी की।
 
क्या बोले मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री : उन्होंने बताया कि घटना के बाद, उसे कालवा स्थित एक अस्पताल ले जाया गया, जहां चोटों के चलते उसने दम तोड़ दिया। विपक्षी दलों द्वारा घटना पर आश्चर्य जताए जाने और इसकी व्यापक व न्यायिक जांच की मांग के बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस ने आरोपी को आत्मरक्षा में गोली मारी।
 
अधिकारी ने बताया कि आरोपी की गोलीबारी में एक सहायक पुलिस निरीक्षक (एएसआई) घायल हो गया, जिसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। पुलिस वाहन जब मुंब्रा बाईपास के पास पहुंचा, तो आरोपी अक्षय शिंदे ने वाहन में एक अधिकारी की रिवॉल्वर छीन ली और दो से तीन गोलियां चलाईं, जिससे अधिकारी घायल हो गया। इसके जवाब में, दूसरे अधिकारी ने शिंदे पर गोली चलाई, जिससे वह घायल हो गया था।
 
पिछले महीने, ठाणे जिले के एक स्कूल के शौचालय में शिंदे द्वारा दो बच्चियों का कथित यौन उत्पीड़न किए जाने के बाद सड़कों और स्थानीय रेलवे स्टेशन पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। स्कूल ने 1 अगस्त को अपने शौचालयों की सफाई के लिए अक्षय शिंदे (23) को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया था।
Badlapur encounter
स्कूल के शौचालय में, 12 अगस्त को दोनों बच्चियों के साथ कथित तौर यौन उत्पीड़न किया गया था। आरोपी को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। बंबई हाईकोर्ट ने 3 सितंबर को पुलिस से कहा था कि वह एक ‘‘मजबूत’’ मामला बनाए और जनता के दबाव में जल्दबाजी में आरोप पत्र दाखिल न करे।
 
विपक्षी दलों ने इस घटना की निंदा की है, जिन्होंने घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं और यह भी पूछा है कि क्या यह उस मामले में सबूत नष्ट करने का प्रयास है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश पैदा किया था।
 
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया कि यह मुठभेड़ कुछ अन्य लोगों को बचाने के लिए की गई। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘यह चौंकाने वाला है। इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए।’’ वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘क्या यह सबूत नष्ट करने का प्रयास है? उसने रिवॉल्वर कैसे छीन ली और पुलिस इतनी लापरवाह कैसे थी? हम इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हैं।’’
 
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आश्चर्य जताया कि क्या यह मुठभेड़ स्कूल के न्यासियों को बचाने के लिए की गई, जिन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। अक्षय शिंदे (आरोपी) के चाचा ने एक मराठी टीवी चैनल को बताया कि उन्होंने सोमवार को तलोजा जेल में उससे मुलाकात की और उन्हें बताया गया कि पुलिस नियमित रूप से उसकी पिटाई कर रही है।
वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस ने आरोपी अक्षय शिंदे को आत्मरक्षा में गोली मारी। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि अक्षय शिंदे की पूर्व पत्नी ने उस पर यौन हिंसा का आरोप लगाया था और पुलिस उसे इन आरोपों के सिलसिले में जांच के लिए ले जा रही थी। उसने एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली और गोली चला दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई।’’
 
शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने इस घटना की तुलना 2019 में तेलंगाना में, बलात्कार के चार आरोपियों की गोली मारकर हत्या किए जाने से की। उन्होंने कहा, ‘‘वहां भी पुलिस ने दावा किया कि यह आत्मरक्षा में किया गया था। हालांकि, मौतों के कारण सच्चाई कभी सामने नहीं आ सकी। बदलापुर यौन उत्पीड़न के मामले में भी यही होगा। क्या अक्षय शिंदे की हत्या इसलिए की गई कि वह कुछ और भयावह बात छिपा रहा था? स्कूल प्रबंधन अभी भी क्यों फरार है।’’
 
अंधारे ने सवाल किया कि आखिर अक्षय शिंदे हथकड़ी लगे होने के बावजूद रिवॉल्वर छीनने में कैसे कामयाब हो गया और वह इसे चलाना कैसे जानता था।
 
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जिनके पास गृह विभाग भी है, को इन सवालों का जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह राज्य के गृह मंत्री द्वारा गंभीर मामलों को संभालने में उनकी अक्षमता को दर्शाता है।’’
 
मुख्यमंत्री शिंदे ने इस पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘पहले विपक्षी दलों ने मांग की थी कि अक्षय शिंदे को फांसी दी जाए। अब वे उसका पक्ष ले रहे हैं और महाराष्ट्र पुलिस की ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं। विपक्षी नेताओं का ऐसा कृत्य निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
 
विपक्ष के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि आरोपी को राजनीतिक सहानुभूति हासिल करने के लिए मारा गया, मुख्यमंत्री ने कहा कि ये दल उनकी सरकार की मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना की सफलता से घबरा गए हैं।
 
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए ये पार्टियां इस तरह के असंवेदनशील आरोप लगा रही हैं।’’ फडणवीस ने कहा कि पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिससे अक्षय शिंदे की मौत हो गई। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस उसे उसकी पूर्व पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए बदलापुर ले जा रही थी।
 
राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आरोपी को कानूनी प्रावधानों के अनुसार फांसी दी जानी चाहिए थी, लेकिन उसे (तलोजा जेल से) स्थानांतरित करते समय गृह विभाग की कार्रवाई संदिग्ध है।’’ उन्होंने घटना की गहन जांच की मांग की।
 
हालिया लोकसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ने वाले वकील उज्ज्वल निकम ने कहा, ‘‘शिंदे के खिलाफ दो आरोपपत्र दाखिल किए गए थे और मैं दोनों मामलों में सरकारी वकील था। प्रस्तुत दस्तावेजों के अनुसार, शिंदे के खिलाफ पर्याप्त सबूत थे। शायद इसी वजह से शिंदे ने अपनी जान लेने की कोशिश की। हम इस संभावना से इनकार नहीं कर सकते। न्यायिक जांच से इस मामले में सच्चाई सामने आएगी।’’ निकम लोकसभा चुनाव में हार गए थे।
 
निकम ने कहा, ‘‘दोनों बच्चियों ने पहले ही अक्षय शिंदे की पहचान कर ली थी और महाराष्ट्र पुलिस ने उसके खिलाफ अन्य सबूत भी जुटा लिए थे।’’ निकम ने कहा कि अभी निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं होगा। इनपुट भाषा

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

महाराष्ट्र में बस के पुल से गिरने से 4 की मौत, 40 घायल