मुंबई। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के 'महाराष्ट्र विकास अघाड़ी' के नेता उद्धव ठाकरे गुरुवार को महाराष्ट्र के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। इससे पहले तीनों दलों की बैठक हुई। बैठक के बाद एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने पत्रकारों को कहा कि सभी मुद्दों पर तीनों दल सहमत हो गए हैं।
पटेल ने कहा कि एक ही डिप्टी सीएम होगा, जो एनसीपी का होगा। स्पीकर कांग्रेस की तरफ से होगा। कल होने वाले शपथ समारोह में हर पार्टी से 1 या 2 विधायक शपथ लेंगे। 3 दिसंबर के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। अजित पवार को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है कि वे एनसीपी की तरफ से डिप्टी सीएम होंगे या नहीं।
सोनिया, ममता को बुलावा : शपथ ग्रहण समारोह के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और द्रमुक नेता एम के स्टालिन को आमंत्रित किया गया है। आदित्य ठाकरे सोनिया गांधी को आमंत्रित करने के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं। शपथ ग्रहण समारोह मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क में शाम 6 बजकर 40 मिनट पर होगा।
केजरीवाल नहीं होंगे शामिल : दिल्ली के मुख्यमंत्री तथा आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की संभावना नहीं है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि केजरीवाल पहले से तय कार्यक्रमों के चलते कल महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत नहीं कर पाएंगे।
अजित ने कहा विद्रोह नहीं था : राकांपा नेता अजित पवार ने बुधवार को कहा कि उन्होंने जो किया उसे विद्रोह नहीं कहा जा सकता। अजित, अपनी पार्टी और परिवार को झटका देते हुए शनिवार को भाजपा से हाथ मिलाकर देवेन्द्र फडणवीस नीत सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गए थे।
उन्होंने एक बार फिर कहा कि वे राकांपा के साथ ही रहेंगे और पार्टी प्रमुख शरद पवार जो कहेंगे वह उसका पालन करेंगे। अजित ने यहां पत्रकारों से कहा कि यह विद्रोह नहीं था। मैं राकांपा का नेता था। क्या राकांपा ने मुझे हटाया? क्या आपने (मुझे राकांपा से बाहर निकालने के बारे में) कहीं पढ़ा? उन्होंने कहा कि मैं सभी को बता रहा हूं कि मैं राकांपा में था, राकांपा में हूं और राकांपा में ही रहूंगा।
अजित पवार ने निजी कारणों को हवाला देते हुए मंगलवार को उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी इस्तीफा दे दिया, जिससे भाजपा नीत सरकार गिर गई।