Maharashtra : क्या शिवाजी की मूर्ति का कॉन्ट्रेक्ट RSS के व्यक्ति को दिया गया था, क्यों PM मोदी ने मांगी माफी, राहुल गांधी ने बताए 3 कारण
राहुल गांधी के कार्यक्रम में उद्धव नहीं हुए शामिल
शिवाजी की मूर्ति टूटने से महाराष्ट्र में सियासी घमासान मचा हुआ है। पीएम मोदी ने इसके लिए माफी भी मांगी थी। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 3 कारण बताए हैं कि क्यों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मूर्ति टूटने पर माफी मांगी थी। 28 फुट की कांस्य प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर 2023 को सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस समारोह के दौरान किया था। 26 अगस्त को तेज हवाओं के कारण छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा ढह गई। कांग्रेस नेता गांधी पार्टी के दिवंगत नेता पतंगराव कदम की आदमकद प्रतिमा का अनावरण करने के बाद यहां एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पहला कारण हो सकता है कि इस मूर्ति का कांट्रैक्ट आरएसएस के किसी व्यक्ति को दे दिया।
कल महाराष्ट्र के राजकोट किले में बीते महीने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने के मामले में वांछित मूर्तिकार जयदीप आप्टे को ठाणे जिले के पड़ोसी कल्याण शहर से गिरफ्तार कर लिया गया था।
क्या कहा था पीएम मोदी ने : महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना को लेकर राज्य की भाजपा-शिवसेना-राकांपा सरकार की आलोचना होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के अपने दौरे के दौरान कहा था कि वह महान राजा, अपने "देवता" और उन लोगों से माफी मांगते हैं जिनकी भावनाएं आहत हुई हैं।
नोटबंदी- जीएसटी के लिए मांगे माफी : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को न केवल सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना के लिए बल्कि नोटबंदी, किसान विरोधी विधेयकों और जीएसटी के लिए भी माफी मांगनी चाहिए। गांधी ने कहा कि मोदी को 17वीं सदी के महान योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के उस अपमान के लिए महाराष्ट्र के प्रत्येक नागरिक से माफी मांगनी चाहिए, जब 26 अगस्त को राजकोट किले में उनकी प्रतिमा ढह गई थी।
अडाणी-अंबानी को ठेके क्यों : कांग्रेस नेता गांधी ने कहा कि मोदी को जवाब देना चाहिए कि सारे ठेके केवल "अदाणी और अंबानी" को ही क्यों दिए जाते हैं और वह केवल "दो व्यक्तियों" के लिए सरकार क्यों चला रहे हैं? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने "किसान विरोधी कानूनों" के लिए माफी नहीं मांगी है, जिन्हें बाद में विरोध के कारण वापस ले लिया गया था। उन्होंने मांग की कि मोदी नोटबंदी और "गलत" माल एवं सेवा कर के लिए माफी मांगें।
गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी मणिपुर नहीं गए, जो गृहयुद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहा है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने खुद पूर्वोत्तर राज्य को आग में झोंक दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दो व्यक्तियों के लाभ के लिए छोटे और मध्यम व्यवसायों को खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अदाणी और अंबानी समूह रोजगार पैदा नहीं कर सकते।
रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने कहा कि स्वर्गीय पतंगराव कदम ने अपना जीवन कांग्रेस पार्टी, महाराष्ट्र और देश को समर्पित कर दिया और विकास एवं शिक्षा के प्रसार के लिए काम किया। गांधी ने कहा कि जब इंदिरा गांधी लोकसभा चुनाव हार गईं तो भी कदम उनके साथ खड़े रहे और यहां तक कि रात दो बजे एक जनसभा आयोजित की।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र हमेशा एक प्रगतिशील राज्य रहा है और छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति शाहू महाराज, डॉ. बी. आर. आंबेडकर और महात्मा ज्योतिराव फुले ने प्रगतिशील मार्ग दिखाया जिससे हर कोई प्रेरणा लेता है।
गांधी ने कहा, "इन महान हस्तियों की विचारधारा कांग्रेस की विचारधारा से मिलती-जुलती है। महाराष्ट्र में कांग्रेस की विचारधारा की नींव और उसका डीएनए है। आज की राजनीति दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है। हम सामाजिक प्रगति चाहते हैं और सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं, जबकि भाजपा कुछ चुनिंदा लोगों का विकास चाहती है।"
विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा चाहती है कि जातिगत संरचना वैसी ही बनी रहे, संविधान को खत्म कर दिया जाए, निर्वाचन आयोग, शैक्षणिक संस्थानों, कानूनी व्यवस्था और नौकरशाही पर कब्जा कर लिया जाए।
उन्होंने कहा, इन संस्थानों में शामिल होने के लिए केवल एक ही योग्यता होनी चाहिए कि आप आरएसएस से हों।
जातिगत जनगणना की अपनी मांग को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि इससे यह पता चल जाएगा कि विभिन्न सामाजिक स्तरों में कितने लोग हैं और देश की संपत्ति और निर्णय लेने में उनकी क्या हिस्सेदारी है।
उन्होंने कहा, "लेकिन भाजपा ने कहा नहीं। अब आरएसएस ने कहा है कि जातिगत जनगणना जरूरी है...कांग्रेस और इंडिया गठबंधन यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी कीमत पर जातिगत जनगणना हो। हमें सच्चाई को समझने की जरूरत है कि देश की संपत्ति से किसे फायदा होता है।"
शिवाजी की प्रतिमा ढहने के मामले में मोदी द्वारा माफी मांगने पर गांधी ने कहा कि पतंगराव कदम ने 60 साल तक पारदर्शिता, प्यार और सच्चे प्रयासों के साथ काम किया, लेकिन उन्होंने कभी माफी नहीं मांगी। गांधी ने कहा, "माफी तब मांगी जाती है जब आप गलती करते हैं।
उन्होंने कहा कि कदम की प्रतिमा अगले 50-70 साल तक मजबूत रहेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मौके पर कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा का गिरना राज्य और देश का अपमान है। उन्होंने कहा, "कदम की प्रतिमा राम सुतार ने बनाई है, जो एक कुशल मूर्तिकार हैं।"
खरगे ने कहा कि विपक्षी महा विकास अघाडी महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि ''राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और शिवसेना के सभी असली नेता हमारे साथ हैं, नकली नेता दूसरी तरफ हैं।''
कांग्रेस प्रमुख खरगे ने कहा कि अगर भाजपा महाराष्ट्र हारती है तो मोदी सरकार भी खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने लोगों से राज्य सरकार की महिलाओं के लिए लाडकी बहिन योजना के बहकावे में न आने को कहा।
उद्धव नहीं हुए शामिल : शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे गुरुवार को महाराष्ट्र के सांगली जिले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जनसभा में शामिल नहीं हुए। इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सांगली आए, जहां उन्होंने वांगी में पतंगराव कदम की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। गांधी दिवंगत नेता को समर्पित एक संग्रहालय भी गए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार, इसकी राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल और राज्य से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस मौके पर मौजूद थे। उद्धव ठाकरे हालांकि जनसभा में मौजूद नहीं थे। इस मौके पर शिवसेना (यूबीटी) का कोई अन्य नेता मौजूद नहीं था।
पिछले सप्ताह कदम के पुत्र एवं विधायक विश्वजीत कदम ने कहा था कि ठाकरे ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण इसमें शामिल होने की पुष्टि नहीं की है।
महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (एसपी) और कांग्रेस विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) का हिस्सा हैं। ठाकरे का जनसभा में शामिल नहीं होना इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार को कांग्रेस के बागी विशाल पाटिल ने सांगली निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में हरा दिया था।
ठाकरे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले एमवीए की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा की जाए, लेकिन शरद पवार और कांग्रेस इस पर एकमत नहीं हैं। पवार ने बुधवार को कहा था कि मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला चुनाव परिणाम आने के बाद किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि एमवीए की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार इस आधार पर तय किया जाएगा कि कौन सी पार्टी सबसे अधिक विधानसभा सीट जीतती है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने हालांकि कहा है कि मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर कोई खींचतान नहीं है। इनपुट एजेंसियां