नई दिल्ली। महाराष्ट्र चुनाव से पहले NCP नेता शरद पवार की मुश्किलें उस समय बढ़ गई जब प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ शिकंजा कस दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाला मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, उनके भतीजे और पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार व अन्य के खिलाफ धनशोधन का आपराधिक मामला दर्ज किया है। यह घोटाला करीब 25 हजार करोड़ का बताया जा रहा है।
केंद्रीय एजेंसी द्वारा धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के तुल्य मानी जाने वाली प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की गई है। मुंबई पुलिस की एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। इसमें बैंक के पूर्व अध्यक्ष, महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और सहकारी बैंक के 70 पूर्व पदाधिकारियों के नाम हैं।
यह मामला ऐसा समय दर्ज किया गया है जब महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि आरोपियों को एजेंसी द्वारा जल्द ही उनके बयान दर्ज करने के लिए समन किया जाएगा।
राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर इस साल अगस्त में मुंबई पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी। मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने धनशोधन के आरोप में आपराधिक आरोप लगाए हैं।
ईओडब्ल्यू से बंबई उच्च न्यायालय ने मामला दर्ज करने को कहा था। इससे पहले न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एस के शिंदे ने कहा था कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ विश्वसनीय साक्ष्य हैं।
पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक, एक जनवरी 2007 से 31 मार्च 2017 के बीच हुए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के कारण सरकारी खजाने को 25 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।