महाभारत के युद्ध में जब हनुमानजी को आया गुस्सा, कर्ण मरते-मरते बचा

Hanuman Puja
WD Feature Desk
मंगलवार, 9 जुलाई 2024 (17:33 IST)
Mahabharata war: यह तो सभी जानते हैं कि महाभारत के युद्ध में सबसे शक्तिशाली योद्धा कोई थे तो वह कर्ण और अश्वत्थामा थे। लेकिन कवच और कुंडल उतर जाने के बाद भी कर्ण इतने शक्तिशाली थे कि वे अर्जुन के रथ को एक ही बाण में हवा में उड़ा देते परंतु ऐसा हो नहीं सका। दरअसल, युद्ध में एक दिन कर्ण और अर्जुन आमने सामने थे। दोनों के बीच घमासान चल रहा था।
 
ऐसे में जब अर्जुन का तीर लगने पर कर्ण का रथ 25 से 30 हाथ पीछे खिसक जाता और कर्ण का तीर से अर्जुन का रथ सिर्फ 2 से 3 हाथ ही खिसकता था लेकिन फिर भी भगवान कृष्ण कर्ण की प्रशंसा करते नहीं थकते थे। ऐसे में अर्जुन से रहा नहीं गया और उसे पूछ ही लिया कि 'हे पार्थ आप मेरी शक्तिशाली प्रहारों की बजाय उसके कमजोर प्रहारों की प्रशांसा कर रहे हैं, ऐसा क्या कौशल है उसमें?'
 
तब भगवान कृष्ण मुस्कुराकर बोले, अजुर्न! तुम्हारे रथ की रक्षा के लिए ध्वज पर स्वयं हनुमानजी, पहियों पर शेषनाग और सारथी के रूप में मैं स्यवं नारायण विराजमान हूं। इस सब के बावजूद कर्ण के प्रहार से अगर ये रथ एक हाथ भी खिसकता है तो मानना ही पड़ेगा की कर्ण में अद्भुत पराक्रम है। ऐसे में उसकी प्रशंसा तो बनती ही है।
कर्ण जब अर्जुन को किसी भी तरह से कुछ कर नहीं पाया तो गुस्सा होकर वह श्रीकृष्ण पर ही तीर चलाने लगा जो कि युद्ध के नियम के विरूद्ध था। किसी सारथी पर आप बाण नहीं चला सकते हैं। लेकिन कर्ण ने श्रीकृष्ण की छाती पर बाण चलाया। अपने आराध्य पर बाण चलते देखकर रथ के ऊपर बैठे हनुमानजी क्रोधित हो गए। कर्ण बाण पर बाण चलाए जा रहा था। यह देखकर हनुमाजी ने अपना विकराल रूप धरा और जोर से दहाड़ने लगे। उनकी दहाड़ से संपूर्ण कुरुक्षेत्र में सेनाएं भयभीत हो गई। कौरवों की सेना भाग खड़ी हुई और पांडवों की सेना भी भागने लगी। उनकी दहाड़ मात्र से सैनिकों के हृदय फटने लगे। हनुमान जी दहाड़ते हुए कर्ण को देखने लगे। कर्ण और सभी कौरव महारथी थर-थर कांपने लगे। हवाएं तेज चलने लगी। 
 
हनुमानजी को क्रोध में देखककर भगवान श्री कृष्‍ण तुरंत सक्रिय हुए और वे हनुमानजी से कहने लगे तुम मेरी ओर देखो। यदि कुछ क्षण और तुमने कर्ण की ओर देखा तो वह तुम्हारी दृष्‍टि मात्र से मारा जाएगा और मैं नहीं चाहता ऐसा हो। इसलिए तुम मेरी ओर देखो। यह सुनकर हनुमानजी उनकी ओर देखने लगे और धीरे धीरे उनका क्रोध शांत हो गया अन्यथा कर्ण हनुमानजी की दृष्‍टि से ही मारा जाता।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

शनि मंगल का षडाष्टक योग और खप्पर योग कब तक रहेगा, 4 राशियों को रहना होगा सतर्क

गर्मी में करें ये धार्मिक उपाय, मिलेगी तपती धूप में सकारात्मक ऊर्जा और शांति

राहु के कुंभ राशि में गोचर से देश और दुनिया में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

बलूचिस्तान कब तक होगा पाकिस्तान से अलग, जानिए ज्योतिष विश्लेषण

अचला या अपरा एकादशी का व्रत रखने से क्या होता है?

सभी देखें

धर्म संसार

18 मई 2025 : आपका जन्मदिन

18 मई 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

कब से प्रारंभ हो रही है पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा, क्या रहेगा इस बार खास?

Vastu Tips: कामयाबी की ओर बढ़ते कदम: कार्यस्थल पर तरक्की पाने के 10 उपाय

अचला एकादशी व्रत से मिलते हैं ये 8 अद्भुत लाभ

अगला लेख