महाभारत, टूटा हुआ फल फिर से जुड़ गया और खुल गया द्रौपदी का राज

अनिरुद्ध जोशी
महाभारत के इतर भी महाभारत के संबंध में कई कथाएं प्रचलित हैं। हालांकि यह कितने सच है यह कोई नहीं जानता। कहते हैं कि जांबुल अध्याय के अनुसार द्रौपदी जब अपने राज का खुलासा करती है जो पांचों पांडव हैरत में पड़ जाते हैं। आखिर वह क्या खुलासा करती है आओ जानते हैं।
 
 
प्रचलित कथा के अनुसार एक बार की बात है जब पांडवों अपने निर्वासन का 12वां वर्ष बिता रहा है। उसी दौरान द्रौपदी ने एक वृक्ष पर पके हुए जामुनों का गुच्छा लटकते देखा। द्रौपदी ने तुरंत ही उस में से एक जामुन तोड़ लिया। जैसे ही द्रौपदी ने ऐसा किया वहां भगवान कृष्ण पहुंच गए। उन्होंने बताया कि इसी फल से एक साधु अपने 12 साल का उपवास तोड़ने वाले थे। अब यदि उस साधु को यह ज्ञात होगा की तुमने यह फल तोड़ा है तो तुम सभी को साधु के श्राप का शिकार होना पड़ सकता है। यह सुनकर पांडवों ने श्रीकृष्ण से इस समस्या से बचने का उपाय पूछा।
 
 
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि इसके लिए पांडवों को वृक्ष के नीचे जाकर केवल सत्य वचन बोलने होंगे। अर्थात जो भी दिल में राज छुपा रखा है उसे प्रकट करना होगा। सभी की सहमती के बाद भगवान कृष्ण ने फल को वृक्ष के नीचे रख दिया और कहा कि अब हर किसी को अपने सारे राज खोलने होंगे। अगर हर कोई ऐसा करेगा तो फल ऊपर वृक्ष पर वापस लग जाएगा और पांडव साधु के श्राप से बच जाएंगे। साथ ही श्रीकृष्ण ने चेतावनी दी कि अगर तुमने झूठ बोला तो फल जलकर राख हो जाएगा।
 
 
सबसे पहले श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बुलाया। युधिष्ठिर ने कहा कि दुनिया में सत्य, ईमानदारी, सहिष्णुता का प्रसार होना चाहिए, जबकि बेईमानी और दुष्टता का सर्वनाश होना चाहिए। युधिष्ठिर ने पांडवों के साथ हुए सभी बुरे घटनाक्रमों के लिए द्रौपदी को जिम्मेदार ठहराया। युधिष्ठिर के सत्य वचन कहने के बाद फल जमीन से दो फीट ऊपर आ गया।
 
 
इसके बाद श्रीकृष्ण ने भीम से बोलने के लिए कहा। भीम ने सबके सामने स्वीकार किया कि खाना, लड़ाई, नींद और सेक्स के प्रति उसकी आसक्ति कभी कम नहीं होती है। भीम ने कहा कि वह धृतराष्ट्र के सभी पुत्रों को मार देंगे। युधिष्ठिर के प्रति उसके मन में बहुत श्रद्धा है। लेकिन जो भी उसके गदे का अपमान करेगा, वह उसे मृत्यु के घाट उतार देगा। इसके बाद फल दो फीट और ऊपर उठ गया।
 
 
इसके बाद अर्जुन की बारी थी। अर्जुन ने कहा कि प्रतिष्ठा और प्रसिद्धि मेरी जिंदगी से ज्यादा मुझे प्रिय हैं। जब तक मैं युद्ध में कर्ण को मार नहीं दूंगा तब तक मेरे जीवन का उद्देश्य पूरा नहीं होगा। मैं इसके लिए कोई भी तरीका अपनाऊंगा। चाहे वह धर्मविरुद्ध ही क्यों ना हो। अर्जुन ने भी कुछ नहीं छिपाया। वह फल दो फिर और ऊपर उठ गया। अर्जुन के बाद नकुल और सहदेव ने भी कोई रहस्य ना छिपाते हुए सब सच-सच कह दिया।
 
 
अंत में केवल द्रौपदी बची थीं। द्रौपदी ने कहा कि मेरे पांच पति मेरी पांच ज्ञानेन्द्रियों (आंख, कान, नाक, मुंह और शरीर) की तरह हैं। मेरे पांच पति हैं लेकिन मैं उन सभी के दुर्भाग्य का कारण हूं। मैं शिक्षित होने के बावजूद बिना सोच-विचारकर किए गए अपने कार्यों के लिए पछता रही हूं। लेकिन द्रौपदी के यह सब बोलने के बाद भी फल ऊपर नहीं गया। तब श्रीकृष्ण ने कहा कि द्रौपदी कोई रहस्य छिपा रही हैं।
 
 
यह सुनकर द्रौपदी ने अपने पतियों की तरफ देखते हुए कहा- मैं आप पांचों से प्यार करती हूं लेकिन मैं किसी 6वें पुरुष से भी प्यार करती हूं। मैं कर्ण से प्यार करती हूं। अगर मैंने कर्ण से विवाह किया होता तो शायद मुझे इतने दुख नहीं झेलने पड़ते। तब शायद मुझे इस तरह के कड़वे अनुभवों से होकर नहीं गुजरना पड़ता।
 
 
यह सुनकर पांचों पांडव हैरान रह गए लेकिन किसी ने कुछ कहा नहीं। द्रौपदी के सारे रहस्य खोलने के बाद श्रीकृष्ण के कहे अनुसार फल वापस पेड़ पर पहुंच गया।
 
 
यह सही है कि महाभारत में द्रौपदी का जीवन और रिश्ता उलझा हुआ था। द्रौपदी पांच पांडवों की पत्नी थीं लेकिन वह अपने पांचों पतियों को एक समान प्यार नहीं करती थीं। वह सबसे ज्यादा अर्जुन से प्रेम करती थीं, लेकिन दूसरी तरफ अर्जुन द्रौपदी को वह प्यार नहीं दे पाए क्योंकि वह कृष्ण की बहन सुभद्रा से सबसे ज्यादा प्यार करते थे। यह बात द्रौपदी को हमेशा खटकती ही। दूसरी ओर भीम द्रौपदी को सबसे ज्यादा प्रेम करता था और द्रौपदी का खयाल भी रखता था लेकिन द्रौपदी भीम से प्रेम नहीं करती थी। यह अजीब विडंबना थी।
 

सम्बंधित जानकारी

Chanakya Niti : चाणक्य नीति के अनुसार धरती पर नर्क भोगता है ऐसा आदमी

Shradh paksha 2024: श्राद्ध पक्ष में कब किस समय करना चाहिए पितृ पूजा और तर्पण, कितने ब्राह्मणों को कराएं भोजन?

Tulsi Basil : यदि घर में उग जाए तुलसी का पौधा अपने आप तो जानिए क्या होगा शुभ

Shradh paksha 2024: श्राद्ध पक्ष आ रहा है, जानिए कुंडली में पितृदोष की पहचान करके कैसे करें इसका उपाय

Shani gochar 2025: शनि के कुंभ राशि से निकलते ही इन 4 राशियों को परेशानियों से मिलेगा छुटकारा

Aaj Ka Rashifal: आज इन 5 राशियों को मिलेगा व्यापार में लाभ, पढ़ें 18 सितंबर का दैनिक राशिफल

16 shradh paksha 2024: अकाल मृत्यु जो मर गए हैं उनका श्राद्ध कब और कैसे करें?

18 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

18 सितंबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Guru Gochar : 12 साल बाद गुरु करेंगे बुध की राशि में गोचर, इन राशियों का गोल्डन टाइम होगा शुरू

अगला लेख
More