Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

महाभारत में श्रीकृष्ण के पास था गरूड़ध्वज नाम का रथ, जानिए 5 रहस्य

Advertiesment
हमें फॉलो करें Mahabharata

अनिरुद्ध जोशी

भगवान श्रीकृष्ण 64 कलाओं में दक्ष थे। एक ओर वे सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे, तो दूसरी ओर वे द्वंद्व युद्ध में भी माहिर थे। इसके अलावा उनके पास कई अस्त्र और शस्त्र थे। उनकी नारायणी सेना महाभारत काल की सबसे खतरनाक सेना थी। श्रीकृष्ण ने ही कलारिपट्टू नामक युद्ध कला को ईजाद किया था जिसे आजकल मार्शल आर्ट कहते हैं। श्रीकृष्ण के धनुष का नाम 'सारंग' था। उनके खड्ग का नाम 'नंदक', गदा का नाम 'कौमौदकी' और शंख का नाम 'पाञ्चजन्य' था, जो गुलाबी रंग का था। महाभरत में श्रीकृष्‍ण के पास 2 रथ थे। आओ जानते हैं इनके बार में संपक्षिप्त जानकारी।
 
 
1. श्रीकृष्ण के पास 2 एक बहुत ही दिव्य रथ थे। पहले का नाम गरूड़ध्वज और दूसरे का नाम जैत्र था। 
 
2. गरूड़ध्वज के सारथी का नाम दारुक था और उनके अश्वों का नाम शैव्य, सुग्रीव, मेघपुष्प था।
 
3. श्रीकृष्‍ण के जैत्र नाम के एक सेवक भी थे और रथ भी था। श्रीमद्भागवत महापुराण इन रथों का उल्लेख मिलता है।
 
4. गरूड़ध्वज रथ बहुत ही तेज गति से चलने वाला रथ था। रुक्मिणी का हरण इसी रथ पर सवार होकर किया गया था। कहते हैं कि यह रथ आंधी के वेग के समान मंदिर के पास क्षणभर के लिए रुका और श्रीकृष्ण ने राजकुमारी रुक्मिणी को तुरंत ही रथ पर बैठाया और रथ के अश्व पूरे वेग से दौड़ चले।
 
4. ऐसा कहा जाता है कि श्रीकृष्ण यह रथ स्वर्ग से लेकर आए थे। बिहार के राजगीर में कुछ स्पॉट्स हैं जिनका ताल्लुक महाभारत काल से है। इनमें से एक हैं श्री कृष्ण के रथ के निशान। इसे लेकर ऐसी कहानी प्रचालित है कि श्री कृष्ण महाभारत काल के दौरान अपना रथ लेकर स्वर्ग से यहां उतरे थे। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अपने हस्ताक्षर से जानिए क्या आप भी हैं अद्‍भुत प्रतिभा के धनी