Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

श्रीकृष्ण ने इस तरह कर्ण को रोका था अन्यथा या तो युद्ध नहीं होता या कौरव जीतते

हमें फॉलो करें shri krishana

अनिरुद्ध जोशी

महाभारत में कुंती पुत्र कर्ण को अधिरथ और राधा ने पाला था। वह बालक गंगा में बहता हुआ एक किनारे से जा लगा। उस किनारे पर ही धृतराष्ट्र का सारथी अधिरथ अपने अश्व को जल पिला रहा था। उसकी दृष्टि मंजूषा में रखे इस शिशु पर पड़ी। अधिरथ ने उस बालक को उठा लिया और अपने घर ले गया। अधिरथ निःसंतान था।
अधिरथ की पत्नी का नाम राधा था। राधा ने उस बालक का अपने पुत्र के समान पालन किया। उस बालक के कान बहुत ही सुन्दर थे इसलिए उसका नाम कर्ण रखा गया। इस सूत दंपति ने ही कर्ण का पालन-पोषण किया था इसलिए कर्ण को 'सूतपुत्र' कहा जाता था तथा राधा ने उसे पाला था इसलिए उसे 'राधेय' भी कहा जाता था। आजो जानते हैं कि महाभारत में श्रीकृष्ण ने किस तरह से रोका था कर्ण को।
 
 
1. कर्ण दुर्योधन का पक्का मि‍त्र था। दुर्योधन ने उसे अंगदेश का राजा बना दिया था। कर्ण यह नहीं जानता था कि उसकी असली मां कौन है, परंतु उसे यह पता चल गया था कि उसके पिता सूर्यदेव हैं। बहुत समय तक कर्ण और दुर्योधन साथ रहे, परंतु भीष्म पितामह, कुंती ने और श्रीकृष्ण ने उसे यह कभी नहीं बताया कि की तुम भी पांडव ही हो। कर्ण का यह सत्य छिपाना भी महाभारत युद्ध का एक बड़ा कारण बना। यदि युद्ध तय होने के पहले या कर्ण को अंगदेश का राजा बनाए जाने से पहले ही श्रीकृष्‍ण कर्ण को यह राज बता देते कि तुम कुंती पुत्र हो तो युद्ध की दशा और दिशा कुछ और ही होती।
 
2. कहते हैं कि कृष्ण की नीति के तहत ही कर्ण का विवाह द्रौपदी से होने से रोक दिया गया था।
 
3. वो कृष्ण ही थे जिन्होंने ऐन वक्त पर नीति के तहत ही कर्ण को यह बताया था कि कुंती तुम्हारी मां है। लेकिन युधिष्‍ठिर और अर्जुन को इस बात का ज्ञात नहीं था कि कर्ण हमारा बड़ा भाई है। यदि युधिष्ठिर को यह पता चलता की कर्ण मेरा बड़ा भाई है तो वह राजपाट की लड़ाई नहीं लड़ते बल्कि कर्ण को ही राजा बनाने की लड़ाई लड़ते।
 
4. कृष्ण ने ही अपनी नीति से इंद्र के द्वारा उनके कवच-कुंडल हथिया लिए थे जिसके बदले में इंद्र ने कर्ण को एकमात्र अचूक अमोघ अस्त्र दिया था जिसका वार कभी खाली नहीं जाता और कर्ण इस अमोघ अस्त्र को अर्जुन पर चलाना चाहता था। 
 
5. श्रीकृष्ण यह बात जानते थे कि कर्ण के पास इंद्र का दिया हुआ अमोघ अस्त्र है जिसे कर्ण अर्जुन पर चलाएंगे। यह जानकर ही श्रीकृष्ण ने भीम पुत्र घटोत्कच को युद्ध में उतारकर कौरव सेना में हाहाकार मचा दिया और घटोत्कच को दुर्योधन के पीछे लगावा दिया जिसके चलते दुर्योधन ने घबराकर कर्ण से कहा कि इसे मारो और कर्ण को मजबूर होकर घटोत्कच पर चलाना पड़ा, जिसके चलते अर्जुन सुरक्षित हो गया।
 
6. यदि युद्ध में कर्ण को असहाय स्थिति में देखकर नहीं मारा जाता, तो अर्जुन की क्षमता नहीं थी कि वे कर्ण को मार देते। 
 
इस तरह हम देखते हैं कि श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्ण से बचाने के लिए इस तरह एक योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आपने नहीं पढ़ी होगी भगवान दत्तात्रेय के जन्म की यह गोपनीय कथा