Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

संकट काल में काम आएंगे महाभारत के ये 5 सबक

हमें फॉलो करें संकट काल में काम आएंगे महाभारत के ये 5 सबक

अनिरुद्ध जोशी

महाभारत की शिक्षा हर काल में प्रासंगिक रही है। कोरोना वायरस से संकट की इस घड़ी में आप महाभारत से कुछ सबक ले सकते हैं।
 
1. मास्टर प्लान बनाएं : जीवन के किसी भी क्षेत्र में बेहतर रणनीति आपके जीवन को सफल बना सकती है और यदि कोई योजना या रणनीति नहीं है तो समझो जीवन एक अराजक भविष्य में चला जाएगा जिसके सफल होने की कोई गारंटी नहीं। भगवान श्रीकृष्ण के पास पांडवों को बचाने का कोई मास्टर प्लान नहीं होता तो पांडवों की कोई औकात नहीं थी कि वे कौरवों से किसी भी मामले में जीत जाते। अत: आपके पास भी संकट से बचने की योजनाएं होना चाहिए।
 
2. धैर्य और संयम रखें : इस वक्त आप घरों में ही कैद हैं। घर में एक और जहां अपनों के बीच आपको संयम रखना है वहीं आपको सोशल मीडिया इस दौर में संयम, धैर्य और समझदारी रखना और भी जरूर है। आपका एक वचन या एक पोस्ट आपको मुसीबत में डाल सकती है। महाभारत का युद्ध नहीं होता यदि कुछ लोग अपने वचनों पर संयम रख लेते। जैसे द्रौपदी यदि दुर्योधन को 'अंधे का पुत्र भी अंधा' नहीं कहती तो महाभारत नहीं होती। शिशुपाल और शकुनी हमेशा चुभने वाली बाते ही करते थे लेकिन उनका हश्र क्या हुआ यह सभी जानते हैं।
 
3. हर दिन है कीमती : इंसान की जिंदगी जन्म और मौत के बीच की कड़ी-भर है। यह जिंदगी बहुत छोटी है। कब दिन गुजर जाएंगे, आपको पता भी नहीं चलेगा इसलिए प्रत्येक दिन का भरपूर उपयोग करना चा‍हिए। कुछ ऐसे भी कर्म करना चाहिए, जो आपके अगले जीवन की तैयारी के हों। ज्यादा से ज्यादा कार्य करो, घर और कार्यालय के अलवा भी ऐसे कार्य करो जिससे आपकी सांतानें आपको याद रखें। गीता यही संदेश देती है कि हर पर ऐसा कार्य कर जो तेरे जीवन को सुंदर बनाए।
 
4. संग्रह करने से बचो : अत्यधिक लालच इंसान की जिंदगी को नर्क बना देता है। जो आपका नहीं है उसे अनीतिपूर्वक लेने, हड़पने का प्रयास न करें। आज नहीं तो कल, उसका दंड अवश्य मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि आज जो तेरा है कल (बीता हुआ कल) किसी और का था और कल (आने वाला कल) किसी और का हो जाएगा। अत: तू संपत्ति और वस्तुओं से आसक्ति मत पाल। यह तेरी मृत्यु के बाद यहीं रखे रह जाएंगे। अर्जित करना है तो परिवार का प्रेम और अपनत्व अर्जित कर, जो हमेशा तेरे साथ रहेगा। उतना ही संग्रह करो जितने की जरूरत है।
 
5. चिंता, भय और अशांति है मृत्यु का द्वार : किसी भी प्रकार की चिंता करना, मन को अशांत रखना और व्यर्थ के भय को पालते रहने से मृत्यु आसपास ही मंडराने लगती है। मौत तो सभी को आनी है फिर चिंता किस बात की। कोई पहले मरेगा और कोई बाद में। चिंता का मुख्य कारण मोह है। जेलखान, दावाखाना या पागलखाना वह व्यक्ति जाता है जिसने धर्मसम्मत या संयमित जीवन नहीं जिया। बहुत महात्वाकांशी है या जिसने धन और शक्ति के आधार पर रिश्ते बना रखे हैं या जिसे अपनी संपत्ति की सुरक्षा की चिंता है। महाभारत को पढ़ने से हमें यही शिक्षा मिलती है कि चिंत्तामुक्त जीवन सबसे बड़ी दौलत है। भय से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Mahavir Jayanti 2020 : अहिंसा के महान साधक भगवान महावीर की जयंती