डमरुओं के नाद से गूंजी धरती, गूंजा आसमान, उज्जैन में बना विश्व कीर्तिमान

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 5 अगस्त 2024 (17:35 IST)
World record made in Mahakal city Ujjain: महाकाल की नगरी उज्जैन ने सोमवार को डमरुओं के नाद से विश्व कीर्तिमान रच दिया। मुख्‍यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि  पवित्र श्रावण मास के के तीसरे सोमवार को भस्म आरती की धुन पर डमरू वादन कर उज्जैन ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया। 
 
क्या बोले सीएम :  यादव ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा- 1500 डमरुओं के नाद से, अवंतिका नगरी ने रचा विश्व कीर्तिमान.... बाबा महाकाल की नगरी को डमरू की नाद से गुंजायमान करने की एक इच्छा आज साकार हो गई। आज पवित्र श्रावण के तीसरे सोमवार को जब भस्म आरती की धुन पर डमरू वादन कर उज्जैन ने 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपना नाम दर्ज कराया, तो इस अद्भुत एवं अलौकिक अनुभूति को शब्दों में बांधना बहुत मुश्किल हो गया। बाबा महाकाल हम सभी पर इसी तरह अपनी कृपा बनाए रखें। बाबा महाकाल के समस्त भक्तों को इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई।
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गूंज उठी धरती, गूंज उठा आसमान
1500 डमरूओं के नाद से, अवंतिका नगरी ने रचा विश्व कीर्तिमान....

बाबा महाकाल की नगरी को डमरू की नाद से गुंजायमान करने की एक इच्छा आज साकार हो गई। आज पवित्र श्रावण के तीसरे सोमवार को जब भस्म आरती की धुन पर डमरू वादन कर उज्जैन ने "गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड… pic.twitter.com/UJDVS4vszG

— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 5, 2024 >
इस तरह बना रिकॉर्ड : उल्लेखनीय है कि उज्जैन में 1500 डमरू वादकों ने भस्म आरती की धुन पर डमरू वादन कर कीर्तिमान रचा। भोपाल और उज्जैन के वादकों के दल ने महाकाल लोक के शक्तिपथ पर सुबह 11 बजे यह प्रस्तुति दी। यहां 10 मिनट तक लगातार डमरू वादन किया गया। यह रिकॉर्ड बनने के बाद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड का प्रमाण पत्र भी दिया गया। इस दौरान सांसद अनिल फिरोजिया, महापौर मुकेश टटवाल और राज्यसभा सांसद उमेश नाथ महाराज मौजूद रहे थे।
दरअसल, जिला प्रशासन और महाकाल प्रबंध समिति इस कार्यक्रम की तैयारियां 2 दिन से कर रहे थे। इन डमरू वादकों के दलों को महाकाल प्रबंध समिति की ओर से विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। डमरू वादन में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रमाण पत्र को भगवान महाकाल को अर्पित किया गया।  
 
स्नेह का कोई मोल : एक अन्य पोस्ट में यादव ने कहा- सोमवार को जबलपुर से बालाघाट जाते समय कई स्थानों पर बहनों ने राखी बांध आशीर्वाद दिया। बहनों के इस आत्मीय भाव से अभिभूत हूं। वास्तव में! बहनों के स्नेह का कोई मोल नहीं...मैं विश्वास दिलाता हूं सदैव आपकी सेवा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहूंगा।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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