भोपाल। मध्यप्रदेश के कई बांध-जलाशयों के लबालब होने पर अतिरिक्त पानी की निकासी से नर्मदा, चंबल, पार्वती और बेतवा नदियों में बाढ़ आ गई है। इस बीच अगले 3 दिनों में प्रदेश में फिर झमाझम हो सकती है।
राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण भिंड और मुरैना में चंबल नदी में बाढ़ आ गई है। परिणामस्वरूप इन दोनों जिलों के नदी किनारे बस करीब 100 गांवों को अलर्ट कर दिया गया है। मुरैना में वर्षा की तेज बौछारें भी हुई।
चंबल नदी मुरैना में राजघाट पुल पर खतरे के निशान 138 मीटर से ढाई मीटर ऊपर बह रही है और लगभग आधा दर्जन गांव बाढ़ से घिर गए हैं। कलेक्टर प्रियंका दास ने बताया कि इन गांवों के 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। खरगोन जिले के मंडलेश्वर में उफन रही नर्मदा नदी में शुक्रवार को एक महिला बह गई थी जिसका अब तक पता नहीं चला है।
इस बीच मौसम विज्ञान भोपाल केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक उदय सरवटे ने बताया कि अगले 24 घंटों में बंगाल की खाड़ी में फिर कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है जिससे 19 एवं 20 अगस्त को पूर्वी मध्यप्रदेश में बारिश की गतिविधियां बढ़ने के आसार हैं। 25 अगस्त के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक और सिस्टम बन सकता है।
वैसे आज शनिवार को मध्यप्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा और बूंदाबांदी हुई। पिछले 24 घंटों में भी भानपुरा में 40 मिमी, जावद और मनावर 30 मिमी, रायसेन, महू, इच्छावर और आगर में 20 मिमी तथा भोपाल में 16.7 मिमी वर्षा हुई है।
राजधानी भोपाल में आज दिनभर धूप खिली, लेकिन शाम होते-होते बादल छा गए और बारिश की 1-2 बौछारें पड़ीं। भोपाल में 1 जून से अब तक 1114.9 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य से 384.7 मिमी ज्यादा है। भोपाल में सीजन की औसत वर्षा 998.6 मिमी है।