Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

आज के शुभ मुहूर्त

(दशमी तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तक
  • व्रत-भ. महावीर दीक्षा कल्याणक दि.
  • राहुकाल-प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

आयुर्वेद और योग की मजहब और धर्म से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण, आरोग्य मंथन में बोले राष्ट्रपति, वन नेशन-वन हेल्थ सिस्टम समय की जरूरत

राजधानी भोपाल में आरोग्य भारती के आरोग्य मंथन ’एक देश एक स्वास्थ्य वर्तमान समय की आवश्यकता’ कार्यक्रम

हमें फॉलो करें आयुर्वेद और योग की मजहब और धर्म से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण, आरोग्य मंथन में बोले राष्ट्रपति, वन नेशन-वन हेल्थ सिस्टम समय की जरूरत
webdunia

विकास सिंह

, शनिवार, 28 मई 2022 (15:00 IST)
भोपाल। देश में आज कुछ लोग आयुर्वेद और योग को मजहब से जोड़ रहे है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। यह कहना है  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का। शनिवार को राजधानी भोपाल में आरोग्य भारती के ‘वन नेशन-वन हेल्थ सिस्टम’ के मंथन में बोलते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि योग और आयुर्वेद को कुछ लोग गलतफहमी फैलाने के उद्देश्य से किसी मजहब या धर्म से भी जोड़ देते है,जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। राष्ट्रपति ने कहा कि आयुर्वेद की पद्धतियां पूरी तरह वैज्ञानिक है। 
 
आरोग्य मंथन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा किसी भी मजहब का व्यक्ति हो अगर उस व्यक्ति को ड़ॉक्टर ने टहलने और योगासन करने के लिए कहे तो वह व्यक्ति यह नहीं कहता है कि इसमें मेरा मजहब आड़े आ रहा है। किसी भी मजहब का व्यक्ति हो वह यह नहीं कहता कि योग और प्रणायाम किसी मजहब से संबंधित है इसे हम नहीं करेंगे और कभी भी डॉक्टर से विरोध नहीं करेगा। आज कुछ लोग है जोकि इस प्रकार की भ्रांतियां फैलाने की कोशिश कर रहे है और हमें उसे दूर करना होगा।
 
राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय समागम केन्द्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दीप प्रज्ज्वलित कर 'आरोग्य मंथन कार्यक्रम' का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल  मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित आरोग्य भारती के पदाधिकारी भी मौजूद थे।
  
आरोग्य मंथन का शुभारंभ करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोरोना संकटकाल में वैक्सीन ने बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई। छोटे-छोटे देशों को भी भारत ने वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध कराई, जिसके लिए दुनिया के देश भारत का आभार व्यक्त करते हैं। 
webdunia
राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत में मेडिकल टूरिज्म बढ़ रहा है। दुनिया में उपलब्ध महंगे इलाज के बीच भारत में सस्ते उपचार की व्यवस्था है। यही वजह है कि दिल्ली के अस्पतालों में भी देखें तो देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही विदेशों के मरीज इलाज के लिए आते हैं। भारत में चिकित्सा की प्राचीन पद्धति रही है, जिससे विश्व को भी मार्गदर्शन मिला है। भारत ने दुनिया को योग, प्राणायम और व्यायाम के साथ आध्यात्मिक शक्ति का बोध कराया। हमें दैनिक दायित्वों का निर्वहन करने के साथ-साथ प्रकृति के अनुरूप और सरल जीवन शैली अपनानी चाहिये। इससे हमारा स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।

आरोग्य मंथन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आरोग्य भारती अपने कार्य, विचार और प्रयास से निरंतर स्वस्थ भारत के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दे रही है। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से मुकाबला करने में चिकित्सा की तीनों पद्धतियों आयुर्वेद, एलोपैथी और योग का तीनों का भरपूर उपयोग किया गया। 
 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉक्टर अशोक कुमार वार्ष्णेय ने कहा कि सभी चिकित्सा पद्धतियों की अपनी एक विशेषता है और वह एक दूसरे के पूरक है। उन्होंने कहा कि कोरोना कालखंड में समाज के प्रत्येक व्यक्ति ने अनुभव किया कि प्रत्येक रोग की सटीक औषधि उपलब्ध होना आवश्यक नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति अगर स्वयं के स्वास्थ्य के लिए जागरूक हो जाए तो वह बगैर औषधि के भी स्वस्थ रह सकता है।

डॉक्टर अशोक कुमार वार्ष्णेय आरोग्य मंथन के विषय ’एक देश एक स्वास्थ्य वर्तमान समय की आवश्यकता’’ को स्थापित करते हुए उन्होंने कहा कि इससे देश के ग्रामीण क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुंचाई जा सकती है, साथ ही चिकित्सक जनसंख्या अनुपात को भी ठीक किया जा सकता है, इसलिए हमें एक देश एक स्वास्थ्य तंत्र की आवश्यकता महसूस हुई। इस व्यवस्था से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी होंगी स्थानीय औषधी उपयोग एवं स्वास्थ्य जागरूकता के माध्यम से खर्च भी कम होगा।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

खुद को जंजीर से पीट रहे थे गुजरात के मंत्री रैयानी, वायरल वीडियो पर बवाल