महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महारज ने भगवान नागचंद्रेश्वर का प्रथम पूजन किया। पूजा अर्चना के उपरांत आम दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ। मंदिर के पट साल में एक बार सिर्फ नाग पंचमी पर ही खुलते हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि महाकालेश्वर मंदिर के शीर्ष पर स्थित एवं वर्ष में एक बार नाग पंचमी के पावन पर्व पर खुलने वाले भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट परंपरानुसार रात 12 बजे खोले गए।
क्या है नागचंद्रेश्वर मंदिर की खासियत : महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के शिखर पर विराजमान हैं नागचंद्रेश्वर। यहां पर नाग देवता की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है, जो 11वीं शताब्दी की बताई जाती है। मान्यता है कि यह प्रतिमा नेपाल से भारत लाई गई थी। इस प्रतिमा में नाग देवता ने अपने फन फैलाए हुए हैं और उसके ऊपर शिव-पार्वती विराजमान हैं।
मान्यता है कि जो भी भक्त इस मंदिर के दर्शन करता है उसे सर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है। इसी कारण हर साल नागपंचमी पर मंदिर खुलने पर भक्तों की भारी भीड़ यहां उमड़ती है।
Edited by : Nrapendra Gupta