मध्यप्रदेश के उज्जैन से चौंकाने वाली खबर है। खबर सामने आने पर सोशल मीडिया में भी इसकी चर्चा हो रही है। दरअसल, एक व्यक्ति ने 19 साल की लड़की को खरीदा, उसे करीब 16 महीनों तक घर में रखा और उसके साथ संबंध बनाकर उसे प्रेग्नेंट किया। जब लड़की ने बच्चे को जन्म दे दिया तो उसे घर से निकाल दिया।
इस पूरी करतूत के पीछे दरअसल वजह यह थी कि व्यक्ति को बच्चे नहीं थे, और वो चाहता था कि उसका एक बच्चा हो। दिलचस्प यह है कि आरोपी व्यक्ति की पत्नी ने भी इस घटना में अपने पति का साथ दिया। गलत तरीके से बच्चा पैदा करने और लोगों को इस बारे में पता न लग जाए इसलिए पति पत्नी ने बेहद शातिराना तरीके से इस पूरी कहानी की स्क्रिप्ट रची।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लड़की नागपुर की है। इसे उज्जैन जिले के तराना तहसील के गांव में रहने वाले एक व्यक्ति ने खरीदा था। खरीदने के बाद उसे 16 महीने तक घर में छिपाकर रखा। जब लड़की को बच्चा हो गया तो घर से निकाल दिया। पुलिस ने लड़की के बयान लेने के बाद उसे वन स्टॉप सेंटर में भर्ती करवाया।
लड़की को खरीदने के पीछे उसका मकसद था बच्चा पैदा करना, क्योंकि उसे कोई बच्चा नहीं था। लोगों को यह शक न हो कि बच्चा उसका नहीं है, इसलिए उसने अपनी पत्नी के बाहर निकलने से उसके पेट पर तकिया बांध देता था, जिससे लोगों को लगे कि बच्चा उसी का है। जब लड़की के बच्चे को जन्म देने के बाद उसे घर से निकाल दिया। वह लावारिस हालत में पुलिस को मिली तो उसने पूरी कहानी बताई।
लड़की 6 नवंबर को पुलिस को देवास गेट में लावारिस हालत में मिली थी। उसकी उम्र करीब 19 साल है। फिलहाल उसे वन स्टॉप सेंटर ले जाकर पूछताछ की जा रही है। उसने बताया कि संतान की चाहत में तराना तहसील के कायथा के समीप काठबडौदा के एक प्रभावशाली उपसरपंच राजपाल सिंह दरबार ने 16 महीने पहले उसे खरीदा था।
इसके बाद घर में ही छिपाकर रखा और बच्चा हुआ तो बच्चा खुद के पास रखकर लड़की को निकाल दिया। मामले में पुलिस ने उपसरपंच राजपाल सिंह दरबार के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस ने राजपाल की पत्नी, वीरेंद्रसिंह, कृष्णपाल सिंह और महिला चंदा को भी आरोपी बनाया है। बताया जाता है कि चंदा नाम की महिला से ही राजपाल ने युवती को खरीदा था।
दरअसल, आरोपी राजपाल की पत्नी का ऑपरेशन हो चुका था, इसलिए वह संतान पैदा नहीं कर सकती थी, लिहाजा नागपुर से लड़की खरीदने का प्लानिंग की गई। सौदेबाजी के बाद उसे घर में ही रखा। गांव वालों को यह एहसास न हो कि बच्चा किसका है इसलिए उसने अपनी पत्नी के पेट पर तकिया बांधकर यह दिखाया कि उसकी पत्नी ही गर्भवती है।
जब युवती को डिलीवरी होने वाली थी तो उसे देवास के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां आरोपी ने अपनी पत्नी के नाम से युवती को भर्ती करवाया और ऑपरेशन से बच्चा होने के बाद लड़की को भगा दिया।
अस्पताल में डिलीवरी के समय लडक़ी की जगह आरोपी ने अपनी पत्नी का नाम लिखवाया, ताकि बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में उसकी पत्नी का नाम रहे। मामले में आरोपी की पत्नी भी साजिश करती थी और लड़की को अपने पति के साथ संबंध बनाने के लिए कहती थी।
लड़की ने पुलिस को बताया कि वह नागपुर की रहने वाली है, उसके माता-पिता नहीं है, एक छोटा भाई है। नागपुर की चंदा नामक महिला ने उसे शादी का भरोसा दिया और उसे यहां लेकर आई थी। यहां उसका सौदा कर वह चली गई।