टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश को मिला ‘मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट’ का अवॉर्ड
नॉन फीचर फिल्म कैटेगरी में बेस्ट एथनोग्राफिक फिल्म बनी ‘मांदल के बोल’
68वां नेशनल फिल्म अवार्ड 2020 में मध्यप्रदेश को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवॉर्ड दिया गया। नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में अवार्ड की घोषणा की। बता दें कि 2017 के बाद दूसरी बार इस अवार्ड से प्रदेश को नवाजा गया है। नेशनल फिल्म अवार्ड की इस कैटेगरी में 13 राज्यों ने सहभागिता की थी। प्रदेश के नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर ने एक बार फिर पूरे देश का मन मोह लिया।
एक अन्य उपलब्धि में नॉन फीचर फिल्म कैटेगरी में बेस्ट एथनोग्राफिक फिल्म का वार्ड मांडल के बोल को दिया गया। राजेंद्र जांगले द्वारा निर्देशित फिल्म को मध्यप्रदेश ट्राइबल म्यूजियम द्वारा बनाया गया है। यह फिल्म बैगा जनजातीय जीवन और उनके ग्रामीण परिवेश को प्रदर्शित करती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेश के नागरिकों, पर्यटन विभाग के अधिकारियों एवं फिल्म उद्योग से जुड़े सभी साथियों को बधाई दी है। उन्होंने सभी पर्यटकों से प्राकृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के सौंदर्य से समृद्ध मध्यप्रदेश आने के लिए आमंत्रित किया है।
पर्यटन और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने प्रदेश की उपलब्धि को गौरव का विषय बताया है। उन्होंने प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ला और उप संचालक फ़िल्म उमाकांत चौधरी और पर्यटन विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है।
फिल्म निर्देशक विपुल शाह की अध्यक्षता में 10 सदस्य जूरी ने अवार्ड का चयन किया। जूरी में सिनेमैटोग्राफर धर्म गुलाटी और जीएस भास्कर, एक्टर श्रीलेखा मुखर्जी, ए कार्थिकराजा, वी एन आदित्य, वीजी थंपी, संजीव रत्तन, एस थंगादुरायी और निषिगंधा शामिल रहे।
फिल्मेकर को आकर्षित और आमंत्रित करने के लिए प्रदेश में फिल्म पर्यटन नीति 2020 के अनुसार फिल्मांकन अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की सुविधा के साथ विभिन्न प्रकार के अनुदान और छूट दी जाती है। अंतरराष्ट्रीय फिल्म, टीवी सीरियल और वेब सीरीज के लिए अधिकतम 10 करोड़ रुपए तक का, फीचर फिल्म के लिए 25% अथवा दो करोड़ रुपए तक का एवं टीवी सीरियल अथवा वेब सीरीज के लिए 25% या एक करोड़ तक का वित्तीय अनुदान का प्रावधान है। साथ ही डॉक्यूमेंट्री के लिए अधिकतम 40 लाख का वित्तीय अनुदान दिया जायेगा।
राज्य के स्थानीय कलाकारों को फिल्म मेकिंग में लेने के लिए अतिरिक्त 25 लाख तक के वित्तीय अनुदान का प्रावधान है। फिल्म इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर 30% तक के वित्तीय अनुदान के साथ फिल्म क्रू के लिए पर्यटन विभाग के होटल और रिसॉर्ट में ठहरने पर 40% की छूट प्रदान की जाती है। राज्य में फिल्म उद्योग के विकास के लिए फिल्म सिटी, फिल्म स्टूडियो, कौशल विकास केंद्र आदि स्थापित करने के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहन और आरक्षित भूमि दी जाती है। इसके साथ ही स्थानीय कलाकारों के कौशल वृद्धि के लिए प्रदेश में विभिन्न कार्यशाला आयोजित की जाती है। इन सभी प्रयासों के चलते प्रदेश में 90 से ज़्यादा फ़िल्म, वेब सीरीज़, सीरीयल की शूटिंग हो चुकी है। यह जानकारी उप संचालक उमाकांत चौधरी ने दी।