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सनवादिया गांव के लोगों ने की ‘स्वच्छता ही सेवा’ की पहल

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17 सितंबर 2017 को सनवादिया निवासी समाज सेवी डॉ. जनक पलटा मगिलिगन को भारत सरकार के ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान से जुड़ने का निमंत्रण मिला आने वाले दिनों में, हम गांधी जयंती मनाएंगे। पीढ़ियों और सीमाओं के पार अरबों लोगों के लिए प्ररेणा के स्रोत महात्मा गांधी का कहना था कि स्वच्छता के प्रति हमारा रवैया, समाज के प्रति हमारे रवैये को दर्शाता है।
 
बापू सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से स्वच्छता को प्राप्त करने में विश्वास रखते थे। वे मानते थे कि हर किसी को स्वच्छता बनाए रखना चाहिए। स्वच्छता गरीब, दलित और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए की जाने वाली सबसे बड़ी सेवा है। आइए हम सभी स्वच्छता के लिए एक साथ हो बापू को उचित
श्रद्धांजलि दें और नए भारत के निर्माण की दिशा में काम करें।
 
प्रधानमंत्री ने जनक पलटा मगिलिगन को लिखा - आपके सस्टेनेबल डेवलपमेंट तथा शिक्षा के अवसर समुदायों तक ले जाने के अमूल्य कार्य अनुकरणीय हैं। एक प्रशंसनीय व्यक्तित्व के नाते आप ‘स्वच्छता ही सेवा’ आंदोलन में सहभागी होकर स्वच्छ भारत का निर्माण कर सकती हैं, जहां अच्छे स्वास्थ्य
और स्वच्छता का वास रहता है। मैं व्यक्तिगत रूप से आपको स्वच्छ भारत को समर्पित स्वच्छता ही सेवा’ आंदोलन में अपना कुछ समय देने के लिए आमंत्रित करता हूं। आपकी भागीदारी दूसरों को आंदोलन का एक हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करेगी। आप नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप पर अपने अनुभव को साझा कर सकते हैं।
 
पिछले 6 साल से सनवादिया के सामाजिक व पर्यावरण विकास में व्यक्तिगत स्तर पर समर्पित जनक पलटा मगिलिगन ने सबसे इस पत्र को अपने गांव के सरपंच भारत पटेल से साझा किया और कहा कि वास्तव में यह पत्र समस्त ग्रामवासि‍यों के लिए है। उन्होंने पंचायत के गणमान्य लोगों के साथ मीटिंग कर स्वच्छता ही सेवा का आह्वान किया और जागरुक होने की अपील की। इसके अलावा पंचों, जनप्रितिनिधियों के साथ कार्ययोजना बनाई, युवाओं, लड़किओं और महिलाओं के साथ समुहिक चर्चाएं भी की जिससे जनमानस तैयार हुआ और सभी ने गांधी जयंती पर सनवादिया में सफाई अभियान चलाने का संकल्प लिया। पंचायत परिसर, स्वास्थ्य केंद्र, मंदिर व मुहल्लों में सफाई की गई, वह भी बिना किसी सरकारी व्यवस्था या फंड का इंतजार किए। एकत्रित कचरे को गांववासी अपने ट्रैक्टर ट्राली से खेतों में ले गए ताकि उससे कंपोस्ट खाद तैयार की जा सके। 
 
समस्त ग्रामवासियों के योगदान से श्राद्ध से लेकर, नवदुर्गा उत्सव में कन्या भोजन, दशहरे से पहले व दशहरे के बाद 2 अक्टूबर को 4000 लोगो के लिए भंडारे का आयोजन भी किया गया।

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