भोपाल। भारत विभाजन के संदर्भ में महात्मा गांधी की आलोचना करते हुए कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले हिन्दू धर्मग्रंथों के कथाकार तरुण मुरारी ने इस मामले में मध्यप्रदेश में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अपनी टिप्पणी के लिए बुधवार को माफी मांग ली।
एक वीडियो बयान में भागवत कथा के कथाकार मुरारी ने उन्हें उकसाने के लिए मीडियाकर्मियों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी क्षणिक उकसावा था हालांकि राष्ट्रपिता का अपमान करने का उनका कोई इरादा नहीं था।
मुरारी ने कहा कि एक पत्रकार ने मुझसे आवेगपूर्ण ढंग से बात की, जो मुझे नहीं कहना चाहिए था। महात्मा गांधी के बारे में सभी जानते हैं और मेरा उनका अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। क्षणिक उकसावे में आकर मेरी टिप्पणी से यदि कोई आहत हुआ तो मैं सभी व्यक्तियों, राजनीतिक संगठनों और प्रशासन से माफी मांगता हूं।
नरसिंहपुर के कोतवाली थाना प्रभारी अमित दांडी ने मंगलवार को युवक कांग्रेस के एक नेता द्वारा दर्ज शिकायत का हवाला देते हुए कहा कि मुरारी द्वारा 2 जनवरी को आयोजित एक समारोह में महात्मा गांधी को 'देशद्रोही' कहने के लिए मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि तरुण मुरारी के खिलाफ भादंवि की संबद्ध धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इससे पहले गत सप्ताह स्वयंभू संत कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ पुलिस ने रायपुर में एक धर्मसंसद में राष्ट्रपिता के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया गया था।